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क्या सरयू राय को स्पीकर बनाएंगे हेमंत सोरेन, जीत के सूत्रधार की नयी सरकार में क्या होगी भूमिका ?

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नई दिल्ली। झारखंड चुनाव की माइक्रो एनालिसिस जारी है। राजनीतिक पंडित इस चुनाव में सरयू राय को बिग फैक्टर मान रहे हैं। सरयू राय के विद्रोह को जनता ने आत्मसम्मान की लड़ाई मान लिया जिसका असर भाजपा के पूरे चुनाव पर पड़ा। भाजपा के खिलाफ एक जबर्दस्त माहौल बना। इसका फायदा झामुमो और कांग्रेस को भी मिला। झामुमो इस बात के लिए सरयू राय का तहेदिल से शुक्रगुजार भी है। हेमंत सोरेन ने सरयू राय का आभार भी जताया है। इस बीच नीतीश के कभी करीबी रहे बिहार के पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह ने हेमंत सोरेने को सलाह दी है कि वे सरयू राय को स्पीकर बना कर उन्हें सम्मानित करें। नरेन्द्र सिंह ने जमशेदपुर पूर्वी सीट पर सरयू राय के लिए चुनाव प्रचार किया था। वैसे सरयू राय ने किसी पद के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी है। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना उनकी आदत है। नयी सरकार में भी उनकी भूमिका व्हिसल ब्लोअर की ही रहेगी।

सरयू राय राजनीति का बौद्धिक चेहरा

सरयू राय राजनीति का बौद्धिक चेहरा

सरयू राय राजनीति का बौद्धिक चेहरा हैं। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में बहुत अच्छे अंक लाकर बिहार के सबसे बड़े कॉलेज, साइंस कॉलेज में दाखिला लिया था। वे फिजिक्स के टॉपर रहे हैं। चाहते तो लेक्चचर बन सकते थे। उन दिनों पटना यूनिवर्सिटी के पीजी टॉपर को सीधे लेक्चरर बहाल करने का विशेष नियम था। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। स्कूल के दिनों से ही संघ की शाखा लगाते थे। पहले संघ और भाजपा के संगठन में सक्रिय रहे। कभी किसी पद के लिए इच्छा जाहिर नहीं की। संगठन के काम को बखूबी अंजाम दिया। भाजपा ने ही उनकी प्रतिभा को देख कर चुनावी राजनीति में उतारा था। पार्टी ने उन्हें एमएलसी बनाया, विधायक बनाया, मंत्री बनाया। सरयू राय आज भी मानते हैं कि भाजपा ने उन्हें बिना मांगे बहुत कुछ दिया। उन्हें सिर्फ इस बात का मलाल है कि रघुवर दास की वजह से उन्हें अपमानजनक स्थिति झेलनी पड़ी। सरयू राय के मुताबिक, "मैनें रघुवर दास को भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए बार-बार कहा। रघुवर दास ने इसकी अनदेखी की और मुझे से ही खुन्नस पाल ली। अब तो जनता ने फैसला दे दिया है कि कौन सही और कौन गलत था। मैं तो बिना किसी संसाधन के लड़ा था। लेकिन जनता ने मुख्यमंत्री और 25 साल के विधायक को हरा दिया। सरयू राय ने हेमंत सोरेन को भी अगाह किया है कि वे जनआकांक्ष की सरकार बनाएं। अगर कुछ गलत करेंगे तो उन्हें भी टोकूंगा।

सरयू राय कानूनी और विधायी प्रक्रिया के जानकार

सरयू राय कानूनी और विधायी प्रक्रिया के जानकार

सरयू राय ने 1996 में चारा घोटाला से जुड़े मजबूत तथ्य़ों का संग्रह किया था। इस मामले को कोर्ट तक ले जाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभायी थी। आज चारा घोटाले के मामलों में ही लालू जेल में बंद हैं। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भ्रष्टाचार को उजागर करने में भी सरयू राय ही आगे रहे थे। मधु कोड़ा भी जेल जाना पड़ा था। सरयू राय आज भी फुर्सत के दिनों में कुछ न कुछ पढ़ते रहते हैं। स्वाध्याय उनकी हॉबी है। इस कारण वे सदन की विधायी प्रकिया के भी गहरे जानकार हैं। जब कोई बिल ड्राफ्ट होता था तब सरयू राय से जरूर सलाह ली जाती थी। जेपी आंदोलन के राजनीतिक साथी सरयू राय की इस योग्यता को जानते हैं। नरेन्द्र सिंह समाजवादी धारा के नेता रहे हैं लेकिन वे भी सरयू राय की योग्यता के कायल हैं। इस लिए उन्होंने मांग की है कि उन्हें झारखंड विधानसभा का स्पीकर बनाया जाए।

क्या सरयू राय को स्पीकर बनाएंगे हेमंत

क्या सरयू राय को स्पीकर बनाएंगे हेमंत

वैसे तो महागठबंधन की जीत का श्रेय हेमंत सोरेन की सफल रणनीति को दिया जा रहा है। लेकिन महागठबंधन की जीत का रास्ता सरयू राय ने ही तैयार किया। सरयू राय के लिए जनता ने नरेन्द्र मोदी जैसे बडे नेता की अपील भी रद्दी की टोकरी में डाल दी। मोदी ने जमशेदपुर में कहा था, जहां कमल वहां मोदी, बाकी लोग (सरयू राय) से दूर रहिए। लेकिन जनता ने मोदी को भी दरकिनार कर सरयू राय को विजयी बना दिया। इस जीत से सरयू राय का कद और भी बड़ा हो गया है। उन्होंने किसी पद के लिए लालसा भी जाहिर नहीं की है। अगर झामुमो को उनकी राजनीतिक योग्यता का लाभ उठाना है तो खुद पहल करनी होगी। वैसे झामुमो में भी कई वरिष्ठ विधायक हैं। नलिन सोरेन सातवीं बार विधायक बने हैं। चंपई सोरेन भी सीनियर लीडर हैं। हेमंत ने पैर छू कर उनसे आशीर्वाद लिया है। स्पीकर पद के लिए और भी नेता दावेदार हैं। कांग्रेस भी इस होड़ में है। कांग्रेस संविद सरकार में अपना स्पीकर रखना चाहती है ताकि संकटपूर्ण स्थिति में वह मजबूत रहे। वैसे कांग्रेस ने सरयू राय के लिए बहुत सम्मान नहीं दिखाया है। चुनाव के समय हेमंत के नौतिक समर्थन के बाद भी कांग्रेस ने सरयू राय के खिलाफ उम्मीदवार दिया था। अब देखना है कि हेमंत, नरेन्द्र सिंह के प्रस्ताव को कितना तवज्जो देते हैं।

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English summary
Jharkhand saryu rai roll in hemant soren govt
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