लंबी लाइनों से परेशान विधायक मांग रहे हैं विधानसभा में मयखाना
रांची। झारखंड़ में फिलहाल आंशिक शराबबंदी चल रही है। जिसके चलते आम आदमियों को नहीं बल्कि माननीयों को भी परेशानी हो रही है। राजधानी रांची में विधायकों और उनके खास समर्थकों को लंबी लाइनों के कारण खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के सचेतक कुणाल षाडंगी ने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार विधानसभा में शराब की दुकान खोले जिससे विधायक को परेशानी न झेलनी पड़े। नौबत यहां तक पहुंच गई है कि विपक्ष इस मुद्दे को शीतकालीन सत्र में उठाने जा रहा है।
वहीं इस विपक्ष का कहना है कि जब सरकार ही शराब बेच रही है तो फिर विधायकों की इस मांग को पूरा करने में परेशानी क्या है? पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का कहना है कि सरकार पोषाहार तो ठीक से बंटवा नहीं पाती लेकिन खुद शराब बेचने का निर्णय लेती है। विधायकों ने उनके समक्ष परेशानी उठाई है। वे चाहते हैं कि यह मामला विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान उठाया जाए। सोरेन ने कहा कि वे सरकार से मांग करेंगे कि विधायकों की सुविधाओं का ख्याल रखाते हुए सरकार विधानसभा परिसर में ही शराब की एक दुकान खोल दे।
राज्य में शराब फिलहाल सरकारी दुकानों पर ही मिल रही है जिसके चलते खासी भीड़ हो जाती है। सरकार इसे नियंत्रित शराबबंदी का भी नाम देती है। इसके तहत दुकानों की संख्या सीमित कर दी गई है। दुकानें दोपहर एक से चार बजे तक खुलती हैं। एक घंटे के अंतराल के बाद फिर शाम पांच बजे से रात दस बजे तक के लिए शराब की दुकानें खुलती हैं। सीमित दुकानों के होने चलते दुकानों पर अक्सर भारी भीड़ हो जाती है। जिसके चलते कभी-कभी दुकानों पर झगड़े हो जाते है और पुलिस बुलानी पड़ती है।