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जम्‍मू कश्‍मीर: हिजबुल आतंकी की डेड बॉडी नहीं मिलेगी परिवार को, जानिए सेना ने क्‍यों लिया गया फैसला

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श्रीनगर। जम्‍मू कश्‍मीर के पुलवामा में बुधवार को सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली जब हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर रियाज नाइकू को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया। अब सेना ने फैसला किया है कि नाइकू और उसके साथ मारे गए एक और आतंकी की डेडबॉडी परिवार को नहीं दिया जाएगी। घाटी में आतंकियों के जनाजे में उमड़ने वाली भीड़ को रोकने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है। नाइकू को सेना और सुरक्षाबलों की टीम ने मंगलवार रात घेर लिया था। फिलहाल कश्‍मीर में इंटरनेट बंद है और सुरक्षा व्‍यवस्‍था पहले से और सख्‍त कर दी गई है।

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कहां दफनाया जाएगा इसकी भी जानकारी नहीं

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पिछले कुछ वर्षों से घाटी में एक चलन सा बन गया है जहां पर किसी आतंकी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसके जनाजे में लोगों को बड़ा हुजूम उमड़ता है। सेना ने इस चलन को देखते हुए ही यह फैसला किया कि नाइकू और उसके साथी का शव परिवार को नहीं दिया जाएगा। साथ ही दोनों को अथॉरटीज एक अनजान जगह पर दफनाएंगी। सेना सूत्रों की तरफ से इस बात की पुष्टि मीडिया को की गई है। सूत्रों ने कहा है कि नाइकू को कहां दफनाया जाएगा इसकी जानकारी किसी को नहीं मिलेगी। नाइकू पिछले आठ सालों से सेना को चकमा देता आ रहा था। 26 अप्रैल 2019 को को सुरक्षाबलों ने पुलवामा के बेगीपेारा गांव में आतंकी रियाज नायकू की घेराबंदी भी कर ली, लेकिन पत्‍थरबाजों की मदद से वह वहां से भागने में सफल भी हो गया।

घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्‍थरबाजी शुरू

घाटी में सुरक्षाबलों पर पत्‍थरबाजी शुरू

साल 2019 में जब वह घाटी का मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी बना तो उसके सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया। उसके मारे जाने के बाद से घाटी में जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और सुरक्षाबलों के वाहनों को निशाना बनाया गया है। पुलवामा एनकाउंटर में किसी भी तरह से आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और न ही सुरक्षाबलों को कोई हानि पहुंची। इसके बावजूद बुधवार को एनकाउंटर साइट पर सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों पर पत्‍थर फेंके गए। युवाओं ने सुरक्षाबलों की गाड़ी को घेर लिया और उस पर पत्‍थर बरसाने लगे।

साल 2010 में जुड़ा आतंकवाद से

साल 2010 में जुड़ा आतंकवाद से

अप्रैल 1985 में अवंतिपोरा तहसील के बेगपोरा गांव में जन्‍मा नाइकू साल 2010 में आतंकवाद से जुड़ गया था। उस समय घाटी में बड़े स्‍तर पर प्रदर्शन हो रहे थे और 17 साल के एक लड़के की मौत हो गई थी। नाइकू छह जून 2012 को जेल से छुटा और हिजबुल मुजाहिदद्दीन से जुड़ गया था। इसके बाद से ही वह लगातार में लगातार सुरक्षाबलों के लिए खतरा बन गया था। कई बार वह सेना को चकमा देकर भाग जाता और इसमें कुछ स्‍थानीय लोग भी उसकी मदद करते थे।

हिजबुल का सबसे बूढ़ा आतंकी

हिजबुल का सबसे बूढ़ा आतंकी

साल 2016 में हिजबुल के पोस्‍टर ब्‍वॉय बुरहान वानी को ढेर किया गया और उसके बाद से नाइकू सक्रिय था। नाइकू का ढेर होना सेना और सुरक्षाबलों के बड़ी कामयाबी है। वह घाटी में हिजबुल का ऐसा आतंकी था जिसकी उम्र सबसे ज्‍यादा थी। मंगलवार को सेना को विशेष इंटेलीजेंस मिली थी जिसमें आतंकियों के छिपे होने की बात कही गई थी। इसके बाद जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की तरफ से एक ज्‍वॉइन्‍ट ऑपरेशन लॉन्‍च किया गया था।

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English summary
Jammu Kashmir: Indian Army says body of Hizbul Riyaz Naikoo will not be given to family.
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