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Jammu Kashmir के पत्रकारों में आतंकी खौफ, धमकी मिलने के बाद 5 Journalist ने दिया इस्‍तीफा

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Jammu Kashmir: कश्‍मीर की घाटी में पत्रकार आतंकी खौफ के साए में जी रहे हैं, आलम ये है कि अब घाटी के पत्रकारों को आतंकी धमकी मिलने के बाद नौकरी से इस्‍तीफा देना पड़ रहा है । पत्रकारों के खिलाफ ताजा आतंकवादी खतरों ने कश्मीर में संकटग्रस्त मीडिया को और खामोश कर दिया है। एक ही मीडिया हाउस के एक साथ पांच पत्रकारों ने इस्‍तीफा दे दिया है।

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ये उन्‍हीं 12 पत्रकारों में से 5 पत्रकार हैं जिन पर सुरक्षा बलों का मुकबिर होने का आरोप लगाते आतंकवादियों की एक प्रचार शाखा ने सूची जारी की थी। जिसके बाद श्रीनगर में एक स्थानीय समाचार पत्र के साथ काम करने वाले कम से कम पांच पत्रकारों ने इस्तीफा दे दिया है।

पुलिस का कहना है कि धमकियों के पीछे द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) जो लश्कर-ए-तैयबा की एक ब्रांच है। पुलिस ने बताया आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीएके तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है और जांच शुरू की गई है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार लगभग एक दर्जन संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और टीआरएफ के साथ उनके कथित संबंधों के लिए पूछताछ की जा रही है।

पुलिस ने बताई ये बात

एक पुलिस अधिकारी ने कहा पोस्ट की सामग्री स्पष्ट रूप से आतंकवादियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों के इरादे को दर्शाती है। उन्होंने लोगों विशेष रूप से मीडियाकर्मियों को सार्वजनिक रूप से भ्रष्ट बताकर और उनके जीवन को खतरे में डाल दिया है। इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की गई है।पुलिस अधिकारी ने कहा "हमने टीआरएफ के ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) होने के लिए संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। हिरासत का मीडिया घरानों के खिलाफ धमकियों से कोई लेना-देना नहीं है।"

तीन पत्रकारों ने इसलिए सोशल मीडिया पर शेयर किया इस्‍तीफा
मीडियो रिपोर्ट के अनुसार तीन पत्रकारों ने किसी भी परेशानी से बचने के लिए अपने सोशल मीडिया पेजों पर इस्तीफे प्रकाशित किए हैं, क्योंकि आतंकवादियों ने श्रीनगर में तीन मीडिया घरानों के लिए काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को निशाना बनाने की धमकी दी है। सिविक बीट को कवर कर रहे एक युवा रिपोर्टर का कहना है कि उन पर सेना के बयान को प्रचारित करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया।

सेना कवर नहीं करता फिर भी सेना का मुखबिर बताया जा रहा
रिपोर्टर ने कहा "मैं नागरिक मुद्दों, पानी, नालियों और परिवहन के बारे में रिपोर्ट कर रहा हूं। मैंने अब तक सेना के बारे में कुछ भी रिपोर्ट नहीं किया है या सेना के किसी कार्यक्रम को कवर नहीं किया है। फिर भी उन्होंने मुझे सेना का मुखबिर बताया है। उन्‍होंने कहा पत्रकारों को निशाना बनाए जाने पर बोलने के लिए आवाजों की कमी है। घाटी में पत्रकार संघ गायब हो गए हैं। कश्मीर का प्रेस क्लब बंद कर दिया गया है। ऐसा डर है कि जिन लोगों को निशाना बनाया गया है, वे चुपचाप इसे पूरी तरह स्वीकार कर रहे हैं।"

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English summary
Jammu and Kashmir: Terrorist fear among journalists, 5 journalists resigned after receiving threats
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