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कोरोना लॉकडाउन के बीच पर्यटकों के लिए खुलने जा रहा है जम्मू-कश्मीर

स्थानीय लोगों का कहना है कि मेज़बानों को बंद कर मेहमानों को बुलाया जा रहा है. ये समझ से परे है.

By माजिद जहांगीर
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कोरोना लॉकडाउन के बीच पर्यटकों के लिए खुलने जा रहा है जम्मू-कश्मीर

जम्मू कश्मीर में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों और श्रीनगर और घाटी क्षेत्र के कुछ इलाक़ों में आशिंक लॉकडाउन के फिर से लागू होने के बावजूद सरकार ने जम्मू-कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोलने का फ़ैसला लिया है.

वहीं श्रीनगर प्रशासन ने सोमवार को कहा है कि अगले आदेश तक घोषित रेड ज़ोन इलाक़ों के भीतर जाना या वहां से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा. सोमवार को दुकानों-बाज़ार को बंद कर दिया गया और ज़िलों के बीच मिनी बसों और टैक्सियों के संचालन को भी रोक दिया गया.

सोमवार सुबह से ही लाउडस्पीकर लगे वाहन के ज़रिए पुलिस और प्रशासनिक अमला लोगों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी दे रहा था. ऐलान किए गए कि सिर्फ़ सहयोग से ही इस महामारी को हराया जा सकता है.

वहीं आपदा विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि 14 जुलाई के बाद से चरणबद्ध तरीके से जम्मू-कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है.

जम्मू कश्मीर में अब तक संक्रमण के 11,666 मामले आ चुके हैं और अब तक 206 मौतें दर्ज की गई हैं. सबसे ज़्यादा 46 मौतें श्रीनगर में हुई हैं.

बीते सप्ताह से घाटी में हालात ख़राब हुए हैं. बीते 12 दिनों में ही घाटी क्षेत्र में 78 लोगों की मौत कोरोना महामारी की वजह से हुई है. वहीं जम्मू डिवीज़न में अब तक कुल 17 मौतें हुई हैं.

श्रीनगर
BBC
श्रीनगर

बीते साल 5 अगस्त को भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर दिया था. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर पांच महीनों तक बेहद सख़्त लॉकडाउन में रहा था.

सख़्त सर्दी के बाद जब कश्मीर में गुनगुनी गर्मी की अर्थव्यवस्था के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीदें की जा रहीं थीं, लेकिन कोरोना महामारी ने कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र के पटरी पर लौटने की सभी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया.

कश्मीर के कुल जीडीपी का 8-9 फ़ीसदी पर्यटन से ही आता है. यहां की तीस प्रतिशत आबादी सीधे तौर पर या किसी न किसी तरीके से पर्यटन उद्योग से ही जुड़ी हुई है.

कश्मीर में पर्यटन विभाग के निदेशक निसार अहमद वानी ने बीबीसी हिंदी को बताया है कि उन्हें सरकार के आदेश की कॉपी प्राप्त हुई है जिसमें पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर में दाख़िल होने की अनुमति दी गई है.

उन्होंने बताया, "सरकार ने आदेश जारी किया है जिसमें पर्यटकों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए स्टेंडर्ज ऑपरेटिंग प्रोसीजर का ज़िक्र है. हवाई सेवाओं से सीमित संख्या में ही पर्यटकों को यात्रा करने दी जाएगी. पर्यटकों को या तो कोविड-19 नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट लानी होगी या श्रीनगर पहुंचने पर कोविड टेस्ट कराना होगा."

यही नहीं पर्यटक होटल सिर्फ़ आनलाइन ही बुक कर सकेंगे और कश्मीर पहुंचने पर उन्हें चौबीस घंटे के लिए होटल में ही क्वारंटीन में रहना होगा.

कोरोना लॉकडाउन के बीच पर्यटकों के लिए खुलने जा रहा है जम्मू-कश्मीर

जब वानी से श्रीनगर में फिर से लॉकडाउन लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये आदेश सरकार की ओर से आया है और वो इस पर बहुत ज़्यादा नहीं बोल सकते हैं.

लॉकडाउन के बारे में जब केंद्र शासित प्रदेश के प्रवक्ता रोहित कंसल से पूछा गया तो उनका कहना था कि ये आदेश सरकार ने दिया है.

वहीं आपदा विभाग (डीएमआरआर) के अधिकारी सिमरनदीप सिंह से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई.

कश्मीर के होटल मालिकों ने इस समय पर्यटन उद्योग को खोलने को एक मज़ाक करार दिया है.

होटेलियर्स क्लब कश्मीर (एचसीके) के चेयरमैन मुश्ताक़ अहमद चाया ने बीबीसी से कहा, "ऐसा लगता है कि ये मज़ाक है. हम कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. जब तक हम इस महामारी को नहीं हरा देते, ऐसे सभी प्रयास बेकार ही जाने हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि प्रशासन ने गंभीरता से सोचा होगा कि इससे कश्मीर में पर्यटन सेक्टर ज़िंदा हो उठेगा, लेकिन हम कश्मीर के ताज़ा हालात से वाक़िफ़ हैं, रोज़ाना तीन सौ से चार सौ मामले सामने आ रहे हैं. हमें लगता है कि अभी हमें इंतज़ार करना चाहिए."

कोरोना लॉकडाउन के बीच पर्यटकों के लिए खुलने जा रहा है जम्मू-कश्मीर

जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार ने आदेश जारी करने से पहले सभी पक्षों से राय ली तो उन्होंने कहा, "सच ये है कि हम भी पर्यटन क्षेत्र को खोलने की मांग कर रहे थे, लेकिन हक़ीक़त ये है कि अभी इसके लिए परिस्थितियां ठीक नहीं है. ये जानलेवा वायरस लोगों को मार रहा है."

चाया कहते हैं, "आप देख रहे हैं, हम कश्मीरी स्वयं अपने हेल्थ रिजॉर्ट्स में नहीं जा पा रहे हैं. हम पहलगाम नहीं जा सकते हैं, या निशात गार्डन नहीं जा सकते हैं. ऐसे में क्या हम ये सोच सकते हैं कि दिल्ली से आने वाला कोई पर्यटक खुलकर कश्मीर घाटी घूम पाएगा. इस मुश्किल वक़्त में उन्हें यहां बुलाना, मुझे नहीं लगता है कि सही होगा. कोई नहीं जानता कि इस कोरोना महामारी के दौरान क्या हो जाए."

वहीं हाउसबोट एसोसिएशन कश्मीर के अध्यक्ष हामिद वांगू का कहना है कि सरकार को ऐसा कोई क़दम उठाने से पहले हाउसबोट इंडस्ट्री को फिर से ज़िंदा करने के प्रयास करने चाहिए.

वो कहते हैं, "हमारा उद्योग मर रहा है. बीते एक साल से हाउसबोट मालिकों ने एक रुपया नहीं कमाया है. पर्यटन को बढ़ावा देने से पहले कुछ वित्तीय मदद हमें दी जानी चाहिए. हमारे हाउसबोट एक साल से खाली हैं और हम उनका ध्यान नहीं रख पा रहे हैं."

वांगू कहते हैं कि "सोमवार से फिर से लॉकडाउन लागू कर दिया गया है और लोगों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध है."

"एक ओर तो लॉकडाउन लगाया गया है और दूसरी ओर पर्यटकों को बुलाया जा रहा है. ऐसी परिस्थिति में क्या होगा?"

डल में शिकारा
BBC
डल में शिकारा

कोरोना महामारी को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की थी. जम्मू-कश्मीर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद कुछ चुनिंदा इलाक़ों में 19 मार्च को ही लॉकडाउन लगा दिया गया था.

लेकिन जून के दूसरे सप्ताह से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाया गया और श्रीनगर में दुकान बाज़ार खुलने लगे थे. लेकिन रविवार शाम से प्रशासन ने फिर से श्रीनगर शहर की सड़कों और बाज़ारों को सील करना शुरू कर दिया है. व्यापारिक केंद्र लाल चौक को भी बंद कर दिया गया है.

अब स्थानीय प्रशासन लॉकडाउन को सफ़ल बनाने में आम जनता का सहयोग मांग रहा है. श्रीनगर प्रशासन ने शहर के 88 इलाक़ों को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया है.

डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. निरार उल हसन ने रविवार को जारी एक बयान में कहा है कि जिस रफ़्तार से घाटी में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लॉकडाउन ही एकमात्र रास्ता बचा है.

वहीं सरकार के पर्यटन को बहाल करने के आदेश पर टिप्पणी करते हुए श्रीनगर में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार हारून रेशी ने कहा कि "ये समझ से परे है कि सरकार करना क्या चाह रही है."

डल हाउसबोट
BBC
डल हाउसबोट

हारून रेशी ने कहा, "जब स्थानीय लोगों को उनके घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है तो फिर पर्यटकों को कैसे घूमने दिया जाएगा. कुछ दिन पहले ही प्रशासन ने पार्क और गार्डन फिर से खोले थे और रविवार को ही लोगों से पहलगाम को दो घंटे के भीतर खाली करने के लिए कहा गया. क्या चल रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा है."

श्रीनगर के एक दुकानदार शोएब अहमद ने कहा, "सरकार मेज़बानों को क़ैद करके मेहमानों को बुला रही है."

उन्होंने कहा कि "ऐसा अमरनाथ गुफ़ा के लिए होने वाली सालाना यात्रा की सहूलत के लिए किया जा रहा है."

लेकिन आम लोगों की राय इस मुद्दे पर बंटी दिखती है. एक स्थानीय नागरिक ख़ुर्शीद मजीद ने बीबीसी से कहा कि "ये अच्छी बात है कि सरकार चरणबद्ध तरीक़े से कश्मीर में पर्यटन को खोल रही है. महीने में न्यूनतम संख्या में पर्यटकों को कश्मीर बुलाया जा सकता है, इससे पर्यटन क्षेत्र को कुछ तो मदद मिलेगी ही."

मजीद कहते हैं कि "आने वाले वक़्त में जब लॉकडाउन हट जाएगा, बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद की जा सकती है."

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English summary
Jammu and Kashmir is going to open for tourists amid Corona lockdown
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