भारत में जाल फैलाने के लिए ISIS कर रहा स्कूल और शिक्षकों का इस्तेमाल
तिरुअनंतपुरम। महाराष्ट्र का एक शिक्षक और केरल का एक स्कूल इस्लामिक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में युवाओं की भर्ती करवाने के संदेह की वजह से पुलिस की जांच के दायरे में है।
रईसुद्दीन सिद्दिकी और यास्मीन मोहम्मद की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि इस आंतकी संगठन के लिए किस तरह से देश में शिक्षा संस्थान और शिक्षकों का एक नेटवर्क काम कर रहा है।
38 साल के सिद्दिकी महाराष्ट्र के हिंगोली में एक सरकारी स्कूल में शिक्षक थे जबकि यास्मीन केरल के एक स्कूल में पढ़ाती थी जहां आईएसआईएस की विचारधारा में बच्चों को प्रशिक्षित किए जाने का संदेह है। यास्मीन को हाल में ही दिल्ली एयरपोर्ट पर काबुल के लिए रवाना होते समय गिरफ्तार किया गया था।
आईएसआईएस का नया हथियार है स्कूल
इराक और सीरिया में आईएसआईएस अपना स्कूल चलाते हैं। उन स्कूलों में आईएसआईएस के द्वारा गढ़े गए जिहाद को पढ़ाया जा रहा है। पांच से सात साल के बच्चों को ऑटोमेटिक गन, ग्रेनेड और पिस्टल चलाना सिखाया जा रहा है। आईएसआईएस के आतंकी ढांचे में ढालने का काम वहां बचपन से ही शुरू कर दिया जाता है।
आईएसआईएस का इंडियन मॉड्यूल
आईएसआईएस का इंडियन मॉड्यूल भी कुछ इसी तरह का काम कर रहा है। केरल में ऐसे कई गैरमान्यताप्राप्त स्कूल हैं जो विदेशी फंड से चलाए जा रहे हैं। ऐसे ही एक स्कूल में यास्मीन पढ़ा रही थी। यह स्कूल उस घटना के बाद केरल पुलिस के रडार पर आ गया था जब पता चला था कि यहां 40 लोगों को आईएसआईएस की विचारधारा की ट्रेनिंग दी जा रही है।
यह वही स्कूल है जहां राशिद बार बार विजिट करता था और आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार करता था। इस घटना के बाद ही यह संदेह फैला कि यहां बच्चों को भी आईएसआईएस की विचारधारा में ढाला जा रहा है।
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तीनों आरोपियों के करीबी संंबंधों की जांच?
महाराष्ट्र के मामले में पुलिस ने सिद्दिकी से सवाल जवाब किया है। उसका बाकी दोनों आरोपियों, राशिद और यास्मीन के साथ करीबी रिश्ता होने का संदेह है। सिद्दिकी इंग्लिश लिटरेचर में ग्रेजुएट है और वह हिंगोली में उर्दू के प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रहा था।
बाकी आरोपियों के साथ सिद्दिकी के संबंधों की जांच चल रही है। स्कूल में बच्चों को आईएसआईएस की विचारधारा की शिक्षा देने में उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।