डीजी वंजारा का दावा, इशरत जहां केस में मोदी-शाह को गिरफ्तार करना चाहती थी CBI
अहमदाबाद: गुजरात का चर्चित इशरत जहां एनकाउंटर एक बार फिर सुर्खियों में है। गुजरात के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक डी.जी. वंजारा ने एक विशेष अदालत में कहा कि इशरत जहां मुठभेड़ के मामले में सीबीआई राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अमित शाह को गिरफ्तार करना चाहती थी। सीबीआई की अदालत में रिहाई को लेकर दाखिल एक याचिका में वंजारा के वकील वी.डी. गज्जर ने जज जे.के. पांड्या के सामने ये दावा किया कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सीबीआई गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन किसी कारणवश ऐसा संभव नहीं हो सका।
इस वक्त नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं जबकि कोर्ट के आदेश पर राज्य से 4 साल के लिए निकाले गये शाह अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। इस केस में जमानत पा चुके वंजारा ने इसी अदालत में बयान दिया था कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जांच अधिकारी इस मामले में गोपनीय रुप से उनसे पूछताछ करते थे। सीबीआई ने 2014 में अमित शाह को सुबूतों के अभाव में क्लीन चिट दे दिया था।
इशरत जहां और उसके साथियों का हुआ था एनकांउटर
जून, 2004 में मुंबई की 19 वर्षीय इशरत जहां, दोस्त जावेद एलियास प्रनेश और पाक नागरिक जीशान जौहर के साथ अमजद अली डी.जी. वंजारा की टीम द्वारा एक मुठभेड़ में मारे गये थे। इशरत जहां और उसके साथियों को तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की हत्या करने के मिशन पर आने वाले आतंकी बताया गया था।
सीबीआई ने अपनी जांच में इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था।
बाद में सीबीआई ने अपनी जांच में इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था। वहीं डीजी वंजारा के वकील ने कोर्ट में मंगलवार को दावा किया कि वंजारा के खिलाफ चार्जशीट मनगढ़ंत हैं और पूर्व पुलिस अधिकारी के खिलाफ वाद दायर करने लायक सबूत पर्याप्त नहीं हैं। जबकि वंजारा की रिहाई की अपील का सीबीआई ने विरोध किया।
वंजारा की टीम ने किया था एनकांउटर
एक अन्य सह आरोपी और पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एन.के. अमीन ने भी रिहाई याचिका दायर की जिसकी सुनवाई पिछले महीने खत्म हुई थी। पिछले महीने खत्म हुई सुनवाई में वर्तमान में वकालत का काम कर रहे पूर्व पुलिस अधीक्षक अमीन ने दावा किया कि जांच में सहयोग कर रहे आईपीएस सतीश वर्मा ने सबूतों से छेड़छाड़ की थी, ताकि ये पता ना चल सके कि उन्होंने अपनी बंदूक से गोली चलाई थी।