उरी आतंकी हमले के बाद क्या भारत पाकिस्तान को दे पाएगा करारा जवाब?
नई दिल्ली। पहले गुरदासपुर, फिर उधमपुर, फिर पठानकोट और अब उरी, एक और आतंकी हमला और फिर से वही सारी पुरानी बातें। चार आतंकियों के बदले इंडियन आर्मी ने अपने 17 जवानों को खो दिया और 30 घायल हैं। इस हमले के बाद सीमा पार कड़ी कार्रवाई की बातें हो रही हैं।
क्या यह वाकई संभव है? क्या वाकई हमारी सेना के पास विकल्प है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन ले और अगर सेना के पास विकल्प है तो क्या राजनीति इसके आड़े आती है? हमने इन कुछ सवालों के जवाब सेना और रक्षा विशेषज्ञों से तलाशने की कोशिश की और जानना चाहा कि उरी आतंकी हमले के बाद अब क्या?
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राजनीति कमजोर करती है
कर्नल (रिटायर्ड) आरडी बाली जो जम्मू और कश्मीर के कई फारवर्ड इलाकों में तैनात रह चुके हैं, मानते हैं कि उरी आतंकी हमला एक बड़ी कमी की तरफ भी इशारा करता है।
देश की राजनीति ऐसी है कि वह सेना का मनोबल भी गिरा देती है। यही राजनीतिक मंशा सेना को और सैनिकों को कोई भी कठोर कदम उठाने से रोकती है।
वह कहते हैं कि 17 जवानों को खोने का दर्द उनके परिवारवालों के बाद सेना से ज्यादा कोई महसूस नहीं कर सकता है।
वह मानते हैं कि ऐसे हमलों के बाद कोरी बयानबाजी होती है। लेकिन कड़ा एक्शन देखने में अभी काफी समय लगेगा। राजनीति सेना का मनोबल गिराती है तो हथियारों की कमी उन्हें कमजोर महसूस कराती है।
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मुंहतोड़ जवाब, बस एक इंतजार
अक्सर यह सवाल उठता है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो क्या भारत उसका मुकाबला कर पाएगा? एयरमार्शल (रिटायर्ड) बीके पांडेय कहते हैं कि आज के समय में भारत, पाकिस्तान से मुकाबला करने की हालत में नहीं है।
उन्होंने उरी आतंकी हमले को सरकार की गलत नीतियों का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि हर बार हर आतंकी हमले के बाद सरकार 'मुंहतोड़ जवाब देंगे,' ऐसा बोलती है, लेकिन हर बार बस ऐसे जवाब का इंतजार रहता है।
लड़ाई के लिए हम नहीं हैं तैयार
वहीं दूसरी ओर पहले यूपीए और फिर वर्तमान सरकार की नीतियों की वजह से सेना दिन पर दिन कमजोर होती जा रही है। आज हमारे पास ऐसे हथियार ही नहीं हैं कि हम भविष्य में कोई युद्ध लड़ सकें।
कर्नल बाली ने भी एयर मार्शल पांडेय के सुर में सुर मिलाया और कहा कि जब तक इंडियन आर्मी मॉर्डनाइजेशन की प्रक्रिया से नहीं गुजरेगी, युद्ध लड़ने में सक्षम नहीं हो पाएगी।
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परमाणु हमले का खतरा
एयर मार्शल पांडेय कहते हैं कि आज पाकिस्तान की ओर से परमाणु हमले का खतरा कई गुना बढ़ गया है। भारत शायद इस रिस्क से बचना चाहेगा और यह एक वजह भी उसे पाक के खिलाफ काउंटर स्ट्राइक करने से कहीं न कहीं रोकती हैं।
वहीं कर्नल बाली कहते हैं कि पाक या कोई भी देश परमाणु हमले का फैसला खुद नहीं लेता और ऐसा करने से पहले सौ बार सोचेगा।
खतरा इस बात का है कि अगर पाक के पास मौजूद परमाणु हथियार आतंकियों के हाथ लग गए तो क्या होगा? यह काफी चिंताजनक बात हो सकती है।