क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

खतरनाक लहरों को पार कर केपहॉर्न पहुंची INSV तारिणी, पीएम मोदी ने दी बधाई

Google Oneindia News

नई दिल्ली। समुद्री रास्ते के जरिए पूरी दुनिया का चक्कर लगा रही नौसेना की छह महिलाओं के दल INSV 'तारिणी' केपहॉर्न (चिली) पहुंच गया है। एक छोटे बोट से दुनिया के सफर रही महिलाओं ने अपनी सबसे बड़ी चुनौती पार कर ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारिणी में तैनात भारतीय नौसेना की 6 महिला सदस्यों को ट्वीट कर बधाई दी है। महिलाओं के इस दल को पिछले साल सितंबर में गोवा से रवाना किया गया था।

छह सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रही हैं लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी

छह सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रही हैं लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी

इंडियन नेवल सेलिंग वेसल तारिणी शुक्रवार को सुबह केपहॉर्न चिली पहुंची। भारत के लिए इस उपलब्धि को पाने के बाद महिलाओं के दल ने तारिणी तिरंगे को फहराया। इसका एक वीडियो भी जारी किया। इस संबंध में नौसेना ने फोटो भी जारी किए हैं। दरअसल दक्षिणी अमेरिका के करीब केप हार्न जहां काफी ऊंची लहरें उठती हैं, इस पार करना काफी दुर्गम माना जाता है। इंडियन नेवल सेलिंग वेसल (आइएनएसवी) 'तारिणी' पर सवार इस छह सदस्यीय दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी कर रही हैं। इस दल में लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट एस विजया देवी, पी स्वाति, बी ऐश्वर्या और पायल गुप्ता भी शामिल हैं। बोट का नामकरण ओडिशा में मशहूर तारा-तारिणी मंदिर के नाम पर हुआ है।

केपह़ॉर्न में कई मीटर उंची उठती हैं लहरें

केपह़ॉर्न में कई मीटर उंची उठती हैं लहरें

केपहॉर्न में हवा की रफ़्तार करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चलती हैं। यहां हमेशा पानी की कई मीटर उंची लहरें उठती हैं। जिन्हें पार करना आसान नहीं होता है। टीम अब तक करीब 15,00 नॉटिकल मील की दूरी तय कर चुकी है। इस अभियान का नाम दिया गया है ‘नाविका सागर परिक्रमा' रखा गया है। गोवा के एक्वेरियस शिपयार्ड लिमिटेड में तैयार की गई तारिणी हॉलैंड के टोन्गा 56 नाम के डिजाइन पर आधारित है। इसे बनाने में फाइबर ग्लास, एल्युमिनियम और स्टील जैसी धातुएं इस्तेमाल की गई हैं।

अप्रैल 2018 में वापस गोवा पहंचेगी तारणी

अप्रैल 2018 में वापस गोवा पहंचेगी तारणी

तारिणी में कुल छह पाल लगे हैं जो इसे मुश्किल से मुश्किल हालात में भी सफर तय करने की ताकत देते हैं। अत्याधुनिक सेटेलाइट सिस्टम के जरिये तारिणी के क्रू से दुनिया के किसी भी हिस्से में संपर्क किया जा सकता है। पहली बार दुनिया का चक्कर लगानी वाली भारतीय नौका महादेई की तर्ज पर तारिणी को बनाया गया है। नौका का निर्माण गोवा में किया गया। यह क्रू मेंबर अप्रैल 2018 में वापस गोवा पहुंचेगा।

Comments
English summary
INSV Tarini crosses Cape Horn pm modi congratulate crew members
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X