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जानें- हर बार कौन सी बातें दोहराते हैं हमारे नेता

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नई दिल्‍ली। लोकसभा चुनाव के नजदीक आते जाने से जहां नये राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं, वहीं राजनेताओं का एक दूसरे पर आरोप प्रत्‍यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। जिसमें राजनीतिक शख्सियतें खुद को और अपनी पार्टी को बेहतर बता रही है और विपक्ष की कमजोरियां उजागर कर रही हैं। ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि नेता अपनी बातों को अलग अलग रैलियों में दोहराते हैं। पिछले शनिवार को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी ने अरूणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में रैलियों को संबोधित किया। इसके अलावा राहुल ने उड़ीसा और आज असम के गुवाहाटी में रैली को संबोधित किया है।

मीडिया की अधिक पहुंच के कारण अब एक रैली के तुरंत बाद ही उस पर अन्‍य पार्टी से संबंधित नेताओं के जवाब आने लगते हैं। मुलायम सिंह ने उत्‍तर प्रदेश में रैली के दौरान अपने भाषण में नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाये थे और कहा था कि मोदी के हाथ खून से रंगे हुए हैं। उसने अपने राज्‍य में दंगे करवाए हैं, उन्‍होने मोदी की हैसियत पर भी सवाल उठाये थे। जिसके बाद जवाब देते हुए मोदी ने यूपी की ही रैली में कहा था कि मुलायम सिंह यादव की हैसियत नहीं है कि वह यूपी को गुजरात की तरह विकसित बना सकें।

राजनेताओं के भाषणों और आरोप प्रत्‍यारोप का भले ही कोई मतलब न निकलता हो, पर इन सबसे राजनीति में निस्‍संदेह रोचकता उत्‍पन्‍न हो जाती है, जो कि चर्चा का विषय रहती है। हमने ऐसे संवादों और आरोपों को अपनी लिस्‍ट में शामिल किया है, जिसे हमारे जननायक अक्‍सर अपनी रैलियों में या मीडिया से बातचीत में दोहराते रहते हैं।

देखें- वो क्‍या बातें है जिसे रैलियों में नेता दोहराते हैं-

नरेंद्र मोदी 'डेवलपमेंट, डेवलपमेंट, डेवलपमेंट'

नरेंद्र मोदी 'डेवलपमेंट, डेवलपमेंट, डेवलपमेंट'

इस लिस्‍ट में सबसे पहला नाम नरेंद्र मोदी का आता है क्‍योंकि वही इस समय देश भर में रैलियों को सम्‍बोधित कर रहे हैं। मोदी का पेट डायलॉग है, डेवलपमेंट, डेवलपमेंट, डेवलपमेंट। इसके साथ ही 'कांग्रेस मुक्‍त भारत' और गुजरात के विकास से जुड़ी किसी घटना का जिक्र मोदी अपनी रैली में जरूर करते है। मोदी अपनी खास भाषण शैली से स्रोताओं को आकर्षित करते हैं। यह भी सर्वविदित है कि उनकी रैली में लाखों की संख्‍या में भीड़ इकट्ठा होती है।

ये लोग दलित की बेटी को प्रधानमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं

ये लोग दलित की बेटी को प्रधानमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं

मायावती ने कई बार सार्वजनिक मंचों से यह दोहराया है कि देश की बड़ी पार्टियां और नेता 'ये लोग दलित की बेटी को प्रधानमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं।' इसके अलावा मायावती अपनी रैलियों में 'यूपी में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश भी कर चुकी हैं।'

हम महिलाओं और युवाओं को शक्ति देना चाहते हैं

हम महिलाओं और युवाओं को शक्ति देना चाहते हैं

राहुल गांधी के भाषणों में 'हम महिलाओं और युवाओं को शक्ति देना चाहते हैं', 'विपक्ष के लोग हिंदु मुसलमान को लड़ाना चाहते हैं', 'मैं चाहता हूं कि महिलाएं आगे आएं।' जैसे संवाद दोहराते हैं।

सारी पार्टियां भ्रष्‍ट हैं

सारी पार्टियां भ्रष्‍ट हैं

भ्रष्‍टाचार के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन के प्रमुख चेहरे रहे केजरीवाल सभी पार्टियों पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगाते है। 'सारी पार्टियां भ्रष्‍ट हैं, 'मैं तो आम आदमी हूं, मेरी कोई औकात नहीं है', हम राजनीति करने नहीं आते हैं, सिस्‍टम बदलने आये हैं।' जैसे डायलॉग वह दोहराते रहते हैं।

जन लोकपाल बिल

जन लोकपाल बिल

अन्‍ना हजारे ने लोकपाल बिल पास हो जाने तक हर मंच से हर पत्रकार वार्ता में जन लोकपाल का मुद्दा उठाया और भ्रष्‍टाचार, भ्रष्‍टाचार शब्‍दों का बार बार प्रयोग किया।

सांम्‍प्रदायिक शक्तियों से देश को बचाना है

सांम्‍प्रदायिक शक्तियों से देश को बचाना है

सोनिया गांधी ने अपनी रैलियों के दौरान परोक्ष रूप से भाजपा पर हमला किया और देश को 'साम्‍प्रदायिकता से बचाने की बातें की।' 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्‍होने नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहा था। जो कि अधिक चर्चा में रहा था। यह अब तक भाजपा पर किये गये हमलों में भाषण का सर्वाधिक चर्चित जुमला रहा।

साम्‍प्रदायिकता देश के लिए खतरा है

साम्‍प्रदायिकता देश के लिए खतरा है

मोदी का कद बढ़ते जाने और उनकी हिंदुत्‍वादी छवि के कारण लालू यादव मीडिया के सामने कई बार दोहरा चुके हैं 'साम्‍प्रदायिकता देश के लिए खतरा है।'

साम्‍प्रदायिक शक्तियों को कभी आगे नहीं बढ़ने देंगे

साम्‍प्रदायिक शक्तियों को कभी आगे नहीं बढ़ने देंगे

नीतीश कुमार ने भी सांप्रदायिकता पर खुलकर बोला और कहा कि 'साम्‍प्रदायिक शक्तियों को आज रोंके जाने की जरूरत है।' एनडीए से अलग होने के बाद अब वह खुलकर मोदी और भाजपा पर हमला कर रहे हैं। नीतीश ने अब तक अनगनत बार बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा दिये जाने की बात कही।

मा माटी मानुष

मा माटी मानुष

'मा माटी मानुष' ममता बनर्जी की पहचान भी है और अपने सार्वजनिक मंचों से वह इसे दोहरा भी चुकी हैं।

हमारी सरकार अल्‍पसंख्‍यकों की सरकार है

हमारी सरकार अल्‍पसंख्‍यकों की सरकार है

यूपी में मुस्लिम वोट बैंक पाने के प्रयासों में लगे मुख्‍यमंत्री अखिलेश सिंह यादव अल्‍पसंख्‍यकों प्रदेश में अल्‍पसंख्‍यकों की सरकार होने की बात कह चुके हैं।

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English summary
Here are some pet dialogues of Indian politicians. See what they use to repeat during rallies and media interaction.
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