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लंदन के पॉश इलाकों में भारतीयों का कब्‍जा

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indian billionaires
लंदन। एक समय था जब कहा जाता था कि भारत सोने की चिडि़या है, फिर समय आया जब कहा जाने लगा कि भारत एक गरीब देश बन चुका है। जो लोग ये सोच रहे हैं कि भारत एक गरीब देश है उनके लिए यह सच जानना बहुत जरूरी है कि लंदन के सभी पॉश इलाकों में सबसे ज्‍यादा घर भारतीयों के हैं।

आंकड़े ये बताते हैं कि अमीर भारतीयों ने लंदन में कम से कम 1 बिलियन पांड का निवेश घर, होटल या फिर किसी बिल्डिंग को खरीदने के लिए किया है। ताजुब तो यह है कि यह आंकड़ा पिछले 18 महीनों का है। क्‍या अब भी आप यही सोच रहे हैं कि भारतीय गरीब हैं और उनके पास रहने के लिए मकान नहीं हैं। हाल में किए गए सर्वे के मुताबिक, पता चला है कि लंदन के जो मूल निवासी हैं उनमें से अधिकांश लंदन के समीप गांवों में रहते हैं और हर दिन दिल्‍ली से गुड़गांव की तरह अप-डाउन करते हैं।

विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि लंदन शहर इतना महंगा हैं कि एक आम आदमी वहां के हिसाब से अपना जीवन यापन नहीं कर सकता है। फिर क्‍या था, विशेषज्ञों की राय को देखते हुए अमीर भारतीयों ने लंदन पर अपना कब्‍जा कर लिया। लंदन जैसे महंगे शहर में भी सबसे ज्‍यादा होटल, घर और बिल्डिंगे भारतीयों की ही हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन जैसी हार्ट सिटी में ब्रिटिश निवेशक सिर्फ 30 प्रतिशत निवेश करते हैं जबकि भारतीय 25 प्रतिशत से भी ज्‍यादा का निवेश कर रहे हैं जबकि यूरोपियन देश केवल 13 प्रतिशत का निवेश करते हैं। 'डेली टेलीग्राफ' की एक रिपोर्ट यही बताती है कि गर्मी के दिनों में करीब 3,000 ऐसे भारतीय परिवार हैं जो लंदन के घरों में जाकर महीने भर रहते हैं ताकि ग्‍लोबल इन्‍वेसटर्स को देखा जा सके।

जानकर हो जाएंगे हैरान:

भारत का सबसे बड़ा रियल एस्‍टेट 'लोधा ग्रुप' ने लंदन के ग्रोसवेनर स्‍क्‍वॉयर के अंतर्गत कनाडियन हाई कमिश्‍नर के दफ्तर को 306 मिलियन पाउंड में खरीदा लिया है। लोधा ग्रुप योजना बना रहा है कि यहां करीब 135,000 स्‍क्‍वॉयर फिट के एरिया में 18-20 लक्‍जरी घर बनाए जाएंगे। इन घरों की कीमत का अंदाजा तो आप लगा ही सकते हैं।

Comments
English summary
Indian billionaires pumped in nearly 1 billion pounds into buying up luxury homes in the heart of London over last 18 months alone, becoming second only to Britain-based buyers, a new report said.
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