कैश क्रंच से गुजरती एयरफोर्स और इंडियन नेवी, कैसे करेंगे दुश्मन का सामना
नई
दिल्ली।
इंडियन
एयरफोर्स
और
इंडियन
नेवी
को
अगले
वित्तीय
वर्ष
में
जरूरी
उपकरणों
को
खरीदने
और
खरीदे
जा
चुके
कुछ
उपकरणों
के
लिए
पेमेंट
करने
में
फंड
की
कमी
से
गुजरना
पड़
सकता
है।
आने
वाले
वित्त
वर्ष
यानी
2019-2020
के
लिए
जब
तक
सरकार
की
ओर
से
सेनाओं
को
रकम
नहीं
मिलती
है,
तब
तक
उन्हें
आर्थिक
तंगी
का
सामना
करना
पड़ेगा।
इंडियन
आर्मी
थोड़ी
बहुत
बेहतर
स्थिति
में
है
लेकिन
उसे
भी
कुछ
हद
तक
संकट
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
इंग्लिश
डेली
हिन्दुस्तान
टाइम्स
की
ओर
से
यह
जानकारी
दी
गई
है।
यह
भी
पढ़ें-फंड
की
कमी
से
जूझती
सेना
के
ऑफिसर्स
के
टीए
और
डीए
रुके
रक्षा मंत्रालय को दी गई जानकारी
रक्षा मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर अखबार को बताया है कि भारतीय सेना कुछ हद तक बेहतर स्थिति में है लेकिन साधारणतौर पर सेनाओं को फंड की कमी से जूझना पड़ा रहा है। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को इस स्थिति के बारे में बता दिया गया है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री सीतारमण ने वित्त मंत्रालय को इन परिस्थितियों से वाकिफ करा दिया है। हालांकि अभी तक इस पर रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
कितना कैश किस सेना को
हाल ही में पेश हुए अंतरिम बजट में 1.03 लाख करोड़ पूंजी खर्च के लिए तीनों सेनाओं को दिए गए हैं। इसमें से इंडियन नेवी को 23,156.43 करोड़ मिले हैं जबकि इंडियन नेवी का खर्च करीब 25, 461 करोड़ का है। नेवी को प्रोजेक्ट्स जैसे वॉरशिप्स, एयरक्राफ्ट और मिसाइल सिस्टम के लिए भी रकम अदा करनी है। एक नेवी ऑफिसर की ओर से बताया गया है कि या तो उन्हें बाद में फंड दिया जाएगा या फिर नेवी को अपने ही खर्चे कम करने पड़ेंगे ताकि देनदारी चुकाई जा सके।
सेना कुछ बेहतर स्थिति में
इंडियन एयरफोर्स की अगर बात करें तो उसे 39,302 करोड़ रुपए की रकम मिली है। जबकि एयरफोर्स को इस वर्ष 47,413 करोड़ की देनदारी चुकानी है। यह हालत तब है जब आईएएफ राफेल फाइटर जेट्स के लिए फ्रांस को रकम अदा कर रही है। वहीं थल सेना को अब तक 29,447 करोड़ रुपए मिले हैं और उसे 21,600 करोड़ रुपए चुकाने हैं। यानी सेना, वायुसेना और नौसेना के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। लेकिन दूसरी ओर सेना को हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करना है ताकि वह जंग की स्थिति में 10 दिन तक दुश्मन का मुकाबला कर सके।
लेकिन आर्मी ऑफिसर्स के टीए डीए तक रुके
पिछले दिनों खबर आई थी कि इंडियन आर्मी इस समय फंड की कमी से जूझ रही है। आर्थिक तंगी की शिकार सेना ने आफिसर्स को दिए जाने वाले जरूरी भत्तों को कुछ समय के लिए रोक दिया है। यह खबर उस समय फैली जब पिछले हफ्ते सोमवार को सेना के अकाउंट डिविजन की वेबसाइट पर इस बात से जुड़ा एक नोटिस पब्लिश किया गया है। ये वे भत्ते हैं जो ऑफिसर्स को उस समय दिए जाते हैं वे टूर और ट्रेनिंग के लिए सफर करते हैं। पुणे स्थित प्रिंसिपल कंपट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (पीसीडीए) पर ऑफिसर्स की सैलरी और बाकी भत्तों के वितरण का जिम्मा है। पीसीडीए की वेबसाइट पर सोमवार को एक नोटिस जारी किया गया था।