रिश्वत जोखिम लिस्ट में भारत की 77वीं रैंकिग, पाक और चीन से बेहतर स्थिति
नई दिल्ली। रिश्वत रोधी मानक सेटिंग संगठन टीआरएसीई में व्यापार रिश्वत जोखिमों की वैश्विक सूची जारी की है। इस सूची में मुताबिक, भारत 45 अंकों के साथ इस लिस्ट में 77 वें स्थान पर है। एंटी-ब्राइबरी स्टैंडर्ड सेटिंग ऑर्गनाइजेशन की टीआरएसीई की लिस्ट में 194 देशों, क्षेत्रों और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त क्षेत्रों में व्यापार रिश्वत जोखिम को शामिल किया जाता है। हालांकि इस लिस्ट में भारत की स्थिति चीन और पाकिस्तान से बेहतर है।
इस साल के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर कोरिया, तुर्कमेनिस्तान, दक्षिण सूडान, वेनेजुएला और इरीट्रिया सबसे अधिक व्यापारिक रिश्वत जोखिम वाले देश हैं, जबकि डेनमार्क, नॉर्वे, फिनलैंड, स्वीडन और न्यूजीलैंड में यह सबसे कम है। वर्ष 2019 में भारत 48 अंकों के साथ 78वें स्थान पर था, जबकि 2020 में 45 अंकों के साथ यह 77वें स्थान पर है। जिसे एक उपलब्धि माना जा रहा है।
ये स्कोर चार फैक्टर पर आधारित होते हैं, जिनमें सरकार के साथ व्यापारिक बातचीत, रिश्वत प्रतिरोधक और प्रवर्तन, सरकार और सिविल सर्विस पारदर्शिता, तथा मीडिया की भूमिका सहित नागरिक संगठन निगरानी क्षमता शामिल हैं। आंकड़ों के अनुसार भारत का प्रदर्शन अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, चीन, नेपाल और बांग्लादेश से बेहतर रहा है। हालांकि भूटान ने 37 अंकों के साथ 48वां स्थान प्राप्त किया है।
'टीआरएसीई ब्राइबरी रिस्क मैट्रिक्स' ने एक बयान में कहा कि चीन द्वारा अपनी नौकरशाही में सुधार करने से लोक अधिकारियों के रिश्वत मांगने के अवसरों में संभवत: कमी आयी है। भारत के अलावा, पेरू, जॉर्डन, उत्तरी मैसेडोनिया, कोलंबिया और मोंटेनेग्रो का भी मैट्रिक्स में 45 का स्कोर है। वहीं सोमालिया सबसे निचली रैंकिंग से बाहर हो गया, जो 2017 से 2019 तक अंतिम रैंक पर था। अब वहअब 194 में से 187 वें स्थान पर आ गया है।
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