दिल्ली के व्यापारी चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने को तैयार, सरकार के सामने रखी एक शर्त
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद में देश के 20 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दे दिया है, जिसको लेकर पूरे देश में गुस्सा है। इस बीच तमाम तमाम व्यापारिक संगठन चीन के माल का बहिष्कार करने का आह्वान कर रहे हैं। द कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स, जिसका दावा है कि वह तकरीबन 7 करोड़ व्यापारियों और 4000 व्यापार संगठनों का प्रतिनिधित्व करती है, उसने कहा है कि चीनी उत्पाद का आयात अगले वर्ष तक 13 बिलियन डॉलर तक कम किया जाएगा। इसके लिए बकायदा एक अभियान की शुरुआत की गई है।
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व्यापारियों की अपील
संगठन ने तमाम बॉलीवुड एक्टर्स अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर से अपील की है कि वह चीनी उत्पादों का प्रचार नहीं करें। बता दें कि मौजूदा समय में भारत चीन से हर वर्ष 70 बिलियन डॉलर का आयात करता है। भारत का सबसे बड़ा थोक बाजार दिल्ली का सदर बाजार है, जहां तकरीबन 40000 दुकानें हैं। यहां तकरीबन सबकुछ उपलब्ध है, फिर वह खिलौना, इलेक्ट्रॉनिक्स, घड़ी, होम अप्लायंसेस हो और यह सब मेड इन चायना है।
व्यापारियों की शर्त
व्यापारियों का कहना है कि वह एक शर्त पर चीनी उत्पाद का बहिष्कार करने के लिए तैयार हैं। सदर बाजार ट्रेडर्स असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेंद्र शर्मा का कहना है कि हम भी चीनी उत्पाद को खत्म करना चाहते हैं। लेकिन हमारे लिए यह जरूरी है कि सरकार एक्साइज ड्यूटी को कम करे, छोटे स्तर पर फैक्ट्रियों को बढ़ावा दे और रेड टेपिज्म् व इंस्पेक्टर राज को खत्म करे। हम कुछ भी शुरू करते हैं, पता चलता है कि सीलिंग शुरू हो गई है।
70 फीसदी सामान चीन का
इलेक्ट्रिकल सामान बेचने वाले ट्रेडर तरुन गर्ग ने बताया कि तकरीबन 70 फीसदी इलेक्ट्रॉनिक चीन से आता है। यह यहां छोटी से छोटी फेरीलाइट भी बड़ी संख्या में बिलियन डॉलर्स में चीन से खरीदते हैं। यहां तक कि कई मेड इन इंडिया खिलौने में लगने वाले पंप भी चीन से आते हैं। दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रेजिडेंस वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष ने चीनी उत्पाद के खिलाफ जंग छेड़ दी है और यहां चीनी उत्पाद को सड़क पर फेक दिया गया है।
20 जवानों के बलिदान के बाद गुस्से में भारत
गैरतलब है कि 15-16 जून की रात वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन और भारतीय सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, इस घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए हैं। वहीं चीन को भी इसमें बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। भारत के जमीन पर कब्जे के इरादे से आगे बढ़ी चीनी सेना को भारतीय जवान मुंहतोड़ सबक सिखा रहे हैं। इस बीच जवानों की शहादत से देशभर में गुस्सा है, जगह-जगह लोग चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाकर विरोध दर्ज करा रहे हैं।
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