इस साल नाथू ला मार्ग से शुरू होगी मानसरोवर यात्रा, भारत-चीन हुए सहमत
नई दिल्ली। भारत और चीन ने सिक्किम में नाथू-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति जता दी है। विदेश मंत्रालय ने रविवार को इसकी पुष्टि की। करीब 10 महीने पहले डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद इस मार्ग से यात्रा को रोक दिया गया था। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। दोनों के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया।
भारत चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात
विदेश मंत्री सुषमा ने चीनी विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा , 'हमें इस बात की खुश हैं कि इस साल नाथू-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू हो रही है। सुषमा स्वराज ने कहा कि, मुझे पूरा विश्वास है कि चीनी पक्ष इस यात्रा नें भारतीय यात्रियों के पूर्ण सहयोग करेगा।
डोकलाम विवाद के बाद रोक दी गई थी यात्रा
आपको बताते चलें कि पिछले साल डोकलाम में भारत -चीन के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गए थे, जिसके बाद नाथू-ला मार्ग से यात्रा रोक दिया गया था। भारतीय सैनिकों द्वारा चीन की सेना को भूटान के दावे वाले इलाके में एक सड़क बनाने से रोके जाने के बाद 16 जून को दोनों देशों के बीच गतिरोध बढ़ गया था। विदेश मंत्रालय हर साल दो अलग-अलग मार्गों लिपुलेख दर्रा ( उत्तराखंड ) और नाथू ला दर्रा ( सिक्किम ) से जून से सितंबर तक इस यात्रा का आयोजन करता है।
हिंदूओं के देवता शिव का निवास है मानसरोवर
धार्मिक महत्व वाली इस तीर्थयात्रा का सांस्कृतिक महत्व भी है जिसमें हर साल सैकड़ों लोग कैलाश मानसरोवर जाते हैं। यह स्थान हिंदूओं के देवता शिव का निवास स्थान माना जाता है। यहीं यह स्थान जैन और बौद्ध धर्म के लोगो के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस यात्रा पर सिर्फ योग्य भारतीय नागरिकों के लिए खुली है। जिन लोगों के पास भारतीय पासपोर्ट है। वहीं उस यात्रा पर जा सकते हैं।
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