पहली बार नहीं 2013 में भी सेना ने की थी सर्जिकल स्ट्राइक!
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के उरी बेस कैंप पर 4 आतंकियों के हमले से भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए। इस घटना से देश में गुस्से को देखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया।
भारतीय सेना ने 28 सितंबर को की थी सर्जिकल स्ट्राइक
भारतीय सेना ने 28 सितंबर की रात में एलओसी पार करके सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इस दौरान पीओके में आतंकियों के ठिकाने को निशाना बनाते हुए कई आतंकी कैंप ध्वस्त कर दिए गए।
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भारतीय सेना की कार्रवाई की जानकारी खुद भारतीय डीजीएमओ ने दी। इस बारे में सर्वदलीय बैठक करके सभी दलों को भी जानकारी दी गई।
जिसके बाद सभी दलों ने कार्रवाई का समर्थन करते हुए भारतीय सेना को बधाई दी। लेकिन आपको बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब भारतीय सेना ने इस तरह से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम तक पहुंचाया।
सेना ने पहले भी की है ऐसी कार्रवाई
ऐसी कार्रवाई पहले भी भारतीय सेना ने अंजाम दिया है। हालांकि उस समय सरकार की ओर से कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ऐसी कार्रवाई की जानकारी सभी को नहीं दी गई थी।
कैसे एनएसए अजित डोवाल ने पाकिस्तान पर बदली भारत की नीति
इस मामले को लेकर पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने भी अपने कार्यकाल के दौरान इशारों में इस बात की जानकारी दी थी।
2014 में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि 2013 में नियंत्रण रेखा पर एक भारतीय सैनिक का सिर काटने की घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था।
पूर्व आर्मी चीफ ने रिटायरमेंट से पहले किया था खुलासा
पूर्व आर्मी चीफ बिक्रम सिंह ने रिटायर होने से पहले ये जानकारी सबके सामने रखी थी। जब उनसे पूछा गया था कि क्या भारत ने 8 जनवरी 2013 को भारतीय जवान के सिर काटने की घटना का करारा जवाब दिया था तो इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा किया गया था।
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2014 के उनके इंटरव्यू में इस बात का उन्होंने खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई को रणनीतिक स्तर पर अंजाम दिया गया। जिसमें स्थानीय कमांडर ने जरूरी फैसला लिया। इस कार्रवाई में एक पाकिस्तानी अधिकारी समेत पाकिस्तानी सेना के 9 जवान मारे गए थे।
पूर्व आर्मी चीफ बिक्रम सिंह ने बताया कि ऐसा होता है जब सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प हो जाती है। हालांकि इस मुद्दे पर दोनों देश जो भी कार्रवाई करते हैं वह रणनीतिक तौर पर होती है।