'स्याही लगाने का आदेश ऐसा, जैसे किसी चूहे को मारने के लिए पूरे घर को आग लगा देना'
'लोगों की भीड़ कम करने के लिए उनकी उंगली पर स्याही लगाने का ये फैसला ठीक वैसा है, जैसा कि किसी चूहे को मारने के लिए घर को आग लगा देना।'
नई दिल्ली। हाल ही में सरकार ने नोटबंदी की वजह से एटीएम और बैंकों के बाहर लगने वाली भीड़ पर काबू करने का एक तरीका निकाला है। वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने इस बात का आदेश दिया है कि बैंकों में पैसे एक्सचेंज कराने के लिए आने वाले लोगों की उंगली पर स्याही लगाई जाएगी, जो स्याही वोटिंग के बाद लगाई जाती है।
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वहीं दूसरी ओर सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन के वाइस प्रेसिडेंट डी थॉमस फ्रैंको ने कहा है लोगों की भीड़ कम करने के लिए उनकी उंगली पर स्याही लगाने का ये फैसला ठीक वैसा है, जैसा कि किसी चूहे को मारने के लिए घर को आग लगा देना।
उनका यह भी कहना है कि नोटबंदी का फैसला जीने के मौलिक अधिकार का हनन है। सरकार के इस फैसले से व्यक्ति अपने ही अकाउंट से अपना ही पैसा नहीं निकाल पाएगा।
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बड़ा सवाल ये है...
सरकार की तरफ से उंगली पर स्याही लगाने के इस फैसले को लागू तो कर दिया गया है, लेकिन सरकार को अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह ये सब करेगी कैसे? इन सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं...
- सरकार के अधिकारियों को यह भी स्पष्ट नहीं है कि आखिर स्याही लगाने की ये प्रक्रिया होगी कैसे होगी?
- चुनाव में भी उंगली पर स्याही लगती है तो आखिर इस स्याही को लेकर हाल ही में होने वाले चुनावों में संशय तो पैदा नहीं होगा?
- क्या एक बार स्याही लग जाने के बाद फिर वह शख्स दोबारा कभी पैसे नहीं निकाल सकेगा? आपको बता दें कि यह स्याही दो-चार दिन में नहीं छूटती, बल्कि बहुत अधिक दिनों में छूटती है।
- तो क्या हर बार अलग-अलग उंगली में स्याही लगेगी? अगर हां, तो कितनी बार?
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9 नवंबर से बंद हुए हैं नोट
8 नवंबर की आधी रात के बाद यानी 9 नवंबर से ही मोदी सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन कर दिया है। इसके बदले सरकार ने फिलहाल 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए हैं और जल्द ही 1000 रुपए के नोट भी जारी करने की सरकार की योजना है।
सरकार ने यह कदम कालेधन पर लगाम लगाने के चलते उठाया है। सरकार के अनुसार इस कदम से आतंकवादियों और नक्सलियों को होने वाली फंडिंग पर भी रोक लगेगी।