हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के प्रतिबंधित उपयोग को जारी रखेगा आईसीएमआर
नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा कोरोना वायरस बीमारी के रोगियों के इलाज के लिए कई देशों में उपयोग की जा रही मलेरिया-रोधी दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रतिबंध उपयोग जारी रहेगा। वहीं अमेरिकी स्टडी में भी साफ हो गया है कि, हेल्थ सेंटर में भर्ती मरीजों को इस दवा से कोई फायदा नहीं मिल रहा है। बड़ी संख्या में उन लोगों की मौत होने की खबर है, जिन्हें यह मलेरिया-रोधी दवा दी गई थी।
आईसीएमआर के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि, हम दवा को लेकर खुद ही डेटा तैयार कर रहे हैं। हम उन परिणाणों के हिसाब से फैसला लेंगे। और अपने परिणामों के अनुसार निर्णय लेंगे। इसके उपचारात्मक उपयोग की जांच करने के लिए अध्ययन को पूरा करने में लगभग दो से ढाई महीने लगेंगे।जो हमें इसके खिलाफ या इसके पक्ष में सबूत देगा। इस स्तर पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, भले ही हम दूसरे देशों से आने वाले सभी आंकड़ों को करीब से देख रहे हों।
16 अप्रैल को अमेरिकी अध्ययन में सार्वजनिक किया गया कि शोधकर्ताओं ने वेटरन हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन मेडिकल सेंटरों में कोरोना वायरस संक्रमण वाले 368 अस्पताल में भर्ती मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया। इन रोगियों में से लगभग 28%, जिन्हें एचसीक्यू दी गई और सामान्य देखभाल दी गई थी, उनकी मृत्यु हो गई। जबकि दूसरी ओर, 11% रोगी जिन्हें अकेले नियमित देखभाल मिली, उन्होंने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया।
भारत में केंद्रीय ड्रग्स कंट्रोलर ने मार्च के अंत में, "प्रतिबंधित उपयोग" श्रेणी के तहत एचसीक्यू के उपयोग को मंजूरी दी थी। मुख्य रूप से उन अध्ययनों के लिए जिन्हें आईसीएमआर करना चाहता था। आईसीएमआर ने कहा है कि वह कोविड -19 के खिलाफ एचसीक्यू के रोगनिरोधी (रोकथाम) और चिकित्सीय (उपचार) प्रभावों पर अध्ययन कर रहा है। कोविड -19 के संदिग्ध या पुष्टि मामलों की देखभाल में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इस दवा की सिफारिश की गई है। चिकित्सीय दवा के रूप में यह आईसीयू में भर्ती गंभीर रूप से बीमार कोविड -19 रोगियों को दी जा रही है, ताकि यह देखा जा सके कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर उनकी निर्भरता कम होती है या नहीं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोरोना संक्रमित 2 फीसदी मरीज आईसीयू में भर्ती हैं। रोगनिरोधी मामलों में, दवा को सख्त चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत लेने की सिफारिश की गई है। भारत में लोगों को दी जाने वाली खुराक 400mg है। जो दिन में दो बार दी जा रही है और बाद में सप्ताह में एक बार 400ml दी जाती है। आईसीएमआर ने कहा कि, यह दवा पॉजिटिव मरीजों में वायरस के लोड को कम कर रही है, लेकिन हम यह देख रहे हैं कि, यह संक्रमण को खत्म करती है या नहीं।
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