अभिनंदन की पाक से रिहाई पर दुनियाभर की मीडिया ने क्या कहा?
नई दिल्ली। पाकिस्तान में बंदी बनाए गए विंग कमांडर अभिनंदन आज भारत लौटेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्हें दोपहर बाद छोड़ा जाएगा। गुरुवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने विशेष सत्र में भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई का ऐलान कर दिया। भारत की इस कामयाबी को कूटनीतिक जीत बताया जा रहा है। दुनिया भर की मीडिया ने भी इस घटनाक्रम पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।
द
गार्जियन
ब्रिटेन
के
अखबार
द
गार्जियन
ने
इस
घटना
पर
शीर्षक
लिखा
कि,
कश्मीर
अटैक
में
पकड़े
गए
भारतीय
पायलट
को
पाकिस्तान
छोड़ेगा।
वही
खबर
में
द
गार्जियन
ने
लिखा
है
कि
पाकिस्तान
का
कहना
है
कि
वह
दो
दशकों
से
उपमहाद्वीप
में
पड़ोसियों
के
बीच
उपजे
सैन्य
संकट
को
कम
करने
की
पहल
के
तहत
कैद
भारतीय
पायलट
को
रिहा
करेगा।
द
वॉल
स्ट्रीट
जरनल
वहीं
द
वॉल
स्ट्रीट
जरनल
ने
लिखा
कि,
पाकिस्तान
ने
बंदी
भारतीय
पायलट
को
रिहा
किया,
कम
होगा
तनाव।
वॉल
स्ट्रीट
ने
लिखा
कि,
पाकिस्तान
के
प्रधान
मंत्री
इमरान
खान
ने
कहा
कि
उनका
देश
जल्द
ही
भारतीय
वायु
सेना
के
पायलट
को
रिहा
कर
देगा।
यह
एक
पहल
है
जो
सैन्य
हमलों
के
दो
दिनों
के
बाद
दिखाई
दी
है।
वॉशिंगटन
पोस्ट
अमेरिकी
अखबार
वॉशिंगटन
पोस्ट
ने
लिखा
कि
परमाणु
शक्ति
संपन्न
भारत
और
पाकिस्तान
के
बीच
दशकों
से
सैन्य
मुठभेड़ें
जारी
हैं।
हालांकि
पाकिस्तान
अब
लड़ाई
को
टाल
रहा
है।
गुरुवार
को
पाकिस्तान
संसद
में
इमरान
खान
ने
शांति
के
संदेश
के
तहत
भारतीय
पायलट
को
रिहा
करने
की
घोषणा
की।
उनके
फैसले
से
उपमहाद्वीप
में
तनाव
कम
होगा।
अलजजीरा
अलजीरा
भारत
पाकिस्तान
के
बीच
उपजे
तनाव
का
काफी
बड़े
पैमाने
पर
कवर
कर
रहा
है।
अलजजीरा
ने
इस
मुद्दे
पर
लिखा
कि,
दोनों
देशों
के
बीच
तनाव
कम
करने
के
लिए
पाकिस्तान
ने
शातिं
की
पहल
करते
हुए
भारतीय
पायलट
को
रिहा
करने
का
फैसला
किया
है।
पाकिस्तानी
विदेश
मंत्री
शाह
महमूद
कुरैशी
ने
कहा
कि
विंग
कमांडर
अभिनंदन
वर्तमान
को
शुक्रवार
दोपहर
को
वाघा
सीमा
पर
भारतीय
अधिकारियों
को
सौंप
दिया
जाएगा।
सीएनएन
सीएनएन
ने
लिखा
है
कि
जब
दो
बड़े
देशों
के
बीच
लड़ाई
होती
है
तो
लोगों
के
अंजाम
भुगतने
की
संभावना
ज्यादा
होती
है।
यह
बात
कुछ
समय
पहले
पाकिस्तान
में
चुनकर
सत्ता
में
आए
इमरान
खान
और
भारत
में
हिंदू
राष्ट्रवादी
पार्टी
ने
नेता
नरेंद्र
मोदी
दोनों
महसूस
कर
रहे
हैं।
भारत
में
चुनाव
होने
वाले
हैं।
मौजूदा
टकराव
से
बचने
के
लिए
दोनों
प्रधानमंत्रियों
को
अपने
सियासी
भविष्य
के
लिए
ऐतिहासिक
प्रतिद्वंद्विता
और
अविश्वास
की
खींचतान
का
सामना
करना
पड़ेगा।
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