इंडियन आर्मी ऑफिसर्स और जवानों के लिए सोशल मीडिया के नियम
इंडियन आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्सेज में अधिकारियों और जवानों के लिए सोशल मीडिया प्रयेाग के मकसद से बनी है एक नीति।
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी चीफ बिपिन रावत ने साफ कर दिया है कि किसी भी आफिसर या जवान के स्मार्ट फोन के प्रयोग को बैन नहीं किया गया है। ऐसी खबरें थीं कि आर्मी की कुछ यूनिट्स में सैनिकों के स्मार्ट फोन प्रयोग को बैन कर दिया गया है। लेकिन आर्मी चीफ ने खुद इस बात को साफ कर दिया है।
हर वर्ष आती है एक नीति
रक्षा मंत्रालय की ओर से आर्मी, एयरफोर्स और इंडियन नेवी के ऑफिसर्स और जवानों को कुछ शर्तों के साथ ही सोशल मीडिया के प्रयोग की मंजूरी दी गई थी। रक्षा मंत्रालय की ओर से समय-समय पर ऐसे सर्कुलर आते रहते हैं जिनमें सैनिकों को सोशल मीडिया का प्रयोग किस तरह से करना है, इसके बारे में बताया जाता है। वर्ष 2014 में कश्मीर के बारामूला स्थित उरी सेक्टर में आर्मी कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद इंस्टेंट मैसेंजर सर्विस व्हाट्स एप पर एक मैसेज वायरल हुआ था। इस मैसेज में भी आज की ही तरह जूनियर ऑफिसर्स ने अपने सीनियर ऑफिसर्स पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके बाद से सेना में सोशल मीडिया के प्रयोग को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए थे। इसके बाद जुलाई 2016 में भी सेना की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया। इस सर्कुलर में एक बार फिर सैनिकों को उन नियमों के बारे में बताया गया जिसके तहत ही वे सोशल मीडिया का प्रयोग कर सकते थे। इस पॉलिसी को 'सोशल मीडिया पॉलिसी' नाम दिया गया था। यह पॉलिसी वर्ष 2015 में आई पॉलिसी की ही तरह थी। वहीं गृह मंत्रालय ने दिसंबर 2016 में एक नया आदेश पास किया था। इस आदेश में गृह मंत्रालय ने कहा था कि अब समय आ गया है जब जवानों को यह बताना पड़ेगा कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। पैरामिलिट्री फोर्सेज के करीब 75 प्रतिशत जवानों के पास स्मार्ट फोन है।
क्या है सेना की सोशल मीडिया पॉलिसी
- सर्विंग ऑफिसर या फिर जवान सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट बना सकते हैं।
- जवान और ऑफिसर्स अपनी रैंक्स, पोस्टिंग की जगह, यूनिट और कॉर्प्स के बारे में कोई जानकारी नहीं देंगे।
- ऐसी फोटोग्राफ्स या वीडियो या फिर ऐसे कमेंट्स नहीं करेंगे जिससे यूनिट, संस्थान या फिर कोई और खास जानकारी पता लगे।
- किसी भी ऑपरेशनल प्लान के बारे में जो होने वाला हो या हो चुका हो उसके बारे में भी कोई चर्चा नहीं करेंगे।
- किसी भी स्थिति में कोई भी पर्सनल अपनी आफिशियल आईडेंटीटी को उजागर नहीं करेगा।
- रैंक, यूनिट, अप्वाइंटमेंट, प्लेस ऑफ ड्यूटी और अपने मूवमेंट के बारे में कोई भी जानकारी अपलोड नहीं होनी चाहिए।
- किसी भी तरह की ऑनलाइन पोलिंग, आर्म्ड फोर्सेज या फिर सरकार से जुड़े किसी भी कैंपेन से रहें दूर।
- ऑपरेशनल, प्रशासनिक मुद्दों, सेना की छवि खराब करने वाले मुद्दों से दूर रहें।
- सेना, डिफेंस मिनिस्ट्री और सरकार की नीतियों और गतिविधियों से जुड़े मुद्दों पर कमेंट करने से बचें।
- यूनिफॉर्म में फोटोग्राफ और ऐसा बैकग्राउंड जहां पर आर्मी के इंस्टॉलेशन या फिर उसके उपकरण नजर आ रहे हों अपलोड न हों।
- ऐसे किसी भी ग्रुप को न तो क्रिएट करें और न ही उनके साथ शामिल हों जो धर्म, राजनीतिक संगठनों, फॉरेन मिलिट्री नेटवर्क या फिर किसी हेट ग्रुप से जुड़ें हों।
- ऐसे किसी भी मैसेज को सर्कुलेट और पोस्ट न करें जो सेना से जुड़ा हो और सेना पर प्रभाव डालता हो।
- फेसबुक जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर पॉर्न साइट्स के पॉप अप्स पर क्लिक न करें।
- अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने पर पाबंदी।
- अपने पीसी या लैपटॉप पर सेना से जुड़ी कोई भी जानकारी सेव नहीं करेंगे।
पैरामिलिट्री फोर्सेज के लिए नियम
- किसी भी तरह की फोटो, वीडियो या ऐसा कुछ भी सिर्फ आधिकारिक प्रयोग के लिए है।
- गोपनीय ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी या फिर ऑपरेशनल मैटेरियल सोशल मीडिया पर आना नियमों का उल्लंघन होगा।
- ऐसा करने पर किसी भी जवान या अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की जानकारी को बिना मंजूरी के शेयर करना गलत है।
- ऐसा करना सरकार की राष्ट्रीय जानकारी सुरक्षा नीति की अवमानना होगा।
- बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ,एसएसबी और एनएसजी के डायरेक्टर जनरल से जुड़ी जानकारी को सोशल मीडिया पर जारी करने की मंजूरी दी गई।
- सभी डायरेक्टर जनरल या तो ऑफिशियल हैंडल्स के जरिए साझा करेंगे या फिर सीधे मीडिया को इसकी जानकारी देंगे।
- किसी भी ऑपरेशन या एनकाउंटर के समय अगर कोई आधिकारिक कैमरा या फिर रिकॉर्डर नहीं है तो फिर निजी कैमरा या फिर मोबाइल फोन का प्रयोग हो सकता है।
- इन्हें एनकाउंटर या ऑपरेशन के पूरा होने के बाद तुरंत जमा करना होगा ताकि सारा मैटेरियल डिलीट हो जाए।
- इन नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है।