मोदी सरकार की बदली हुई वैक्सीन नीति करेगी टीकाकरण की राह आसान, जानिए क्यों है ये बड़ा कदम
नई दिल्ली, 08 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से कोरोना के टीकाकरण अभियान के कमान अपने हाथ में ले ली है। दरअसल तकरीबन दो महीने पहले केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की वैक्सीनेशन की नीति में बदलाव करते हुए राज्य सरकार को अधिकार दिया कि वो भी वैक्सीन की खरीद कर सकते हैं। सरकार की ओर से राज्यों को 25 फीसदी वैक्सीन की खरीद की अनुमति दी थी। लेकिन वैक्सीन की नई नीति का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब वैक्सीन की खरीद केंद्र सरकार करेगी, जबकि इसकी डोज राज्यों को फ्री में दी जाएगी।
आखिर
क्यों
मोदी
सरकार
ने
बदली
नीति
विपक्ष
ने
दावा
किया
है
कि
केंद्र
सरकार
पर
लगातार
दबाव
के
बाद
और
सुप्रीम
कोर्ट
की
सख्ती
के
बाद
यह
फैसला
लिया
गया
है।
दरअसल
सुप्रीम
कोर्ट
ने
मौजूदा
कोरोना
वायरस
के
टीका
की
नीति
की
आलोचना
की
थी
और
इसे
गलत
बताया
था।
सोमवार
को
देश
को
नाम
संबोधन
ने
पीएम
मोदी
ने
कहा
कि
राज्यों
की
मांग
के
चलते
केंद्र
ने
उन्हें
कोरोना
की
वैक्सीन
की
खरीद
की
अनुमित
दी
थी।
लेकिन
सरकार
के
भीतरी
सूत्रों
का
मानना
है
कि
मुफ्त
में
केंद्र
की
ओर
से
कोरोना
की
वैक्सीन
राज्यों
को
दिए
जाने
का
फैसला
पीएम
मोदी
ने
1
जून
को
लिया
था।
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वैक्सीन
नीति
पर
केंद्र
के
यू
टर्न
से
से
होगी
सहूलियत
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
एक
वरिष्ठ
अधिकारी
ने
बताया
कि
कई
राज्यों
ने
पहले
ही
कोरोना
की
वैक्सीन
की
खरीद
में
विफलता
को
स्वीकार
किया
था।
बावजूद
इसके
कि
राज्यों
ने
ग्लोबल
टेंडर
इसके
लिए
निकाले
लेकिन
उन्हें
वैक्सीन
की
खरीद
में
सफलता
नहीं
मिल
सकी।
31
मई
को
इस
मॉडल
को
एक
महीने
पूरे
हो
गए।
ऐसे
में
3
जून
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
वैक्सीन
की
खरीद
नीति
पर
सवाल
खड़ा
किया
था।
जिसके
बाद
केंद्र
सरकार
ने
वैक्सीन
की
नीति
में
यू
टर्न
लेते
हुए
फैसला
लिया
कि
अब
इसे
राज्यों
को
मुफ्त
में
दिया
जाएगा।
अहम
बात
यह
है
कि
कई
राज्यों
ने
वैक्सीन
की
खरीद
में
असमर्थता
जाहिर
करते
हुए
राज्य
से
इसकी
खरीद
की
अपील
की
थी।
राज्यों
ने
पीएम
को
पत्र
लिखा
पंजाब
के
मुख्यमंत्री
ने
15
मई
को
पीएम
को
पत्र
लिखा,
केरल
के
मुख्यमंत्री
ने
24
मई
को,
सिक्किम
के
सीएम
ने
30
मई
को,
मिजोरम
के
मुख्यमंत्री
ने
31
मई
को,
मेघालय
के
मुख्यमंत्री
ने
31
मई
को,
आंध्र
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
ने
1
जून
को,
अरुणाचल
के
मुख्यमंत्री
ने
1
जून
को,
ओडिशा
के
मुख्यमंत्री
ने
2
जून
को,
त्रिपुरा
के
मुख्यमंत्री
ने
2
जून
को
और
महाराष्ट्र
के
मुख्यमंत्री
ने
2
जून
को
प्रधानमंत्री
को
पत्र
लिखकर
कोरोना
की
वैक्सीन
की
खरीद
की
अपील
की।
नई
नीति
के
ऐलान
से
राज्यों
को
राहत
तमाम
राज्यों
की
मांग
के
बाद
आखिरकार
केंद्र
सरकार
ने
कोरोना
की
वैक्सीन
की
खरीद
को
लेकर
नई
नीति
का
ऐलान
किया
और
अब
वैक्सीन
की
खरीद
पर
सरकार
45
हजार
करोड़
रुपए
खर्च
करेगी
जोकि
पहले
बजट
में
35
हजार
करोड़
रुपए
था।
वित्त
वर्ष
2021-22
की
पहली
तिमाही
में
4000
करोड़
रुपए
इसके
लिए
खर्च
किए
जाएंगे।
नई
गाइडलाइन
के
सामने
आने
के
बाद
राज्य
और
केंद्र
के
बीच
किसी
भी
तरह
का
अब
कोई
भ्रम
नहीं
है।
सबसे
पहले
तो
केंद्र
ने
साफ
किया
है
कि
देश
में
94
करोड़
वयस्क
आबादी
है
और
इनके
लिए
188
करोड़
कोरोना
वैक्सीन
के
डोज
की
जरूरत
है।
हर
किसी
को
मुफ्त
में
वैक्सीन
बता
दें
कि
भारत
में
21
मई
से
18
साल
के
ऊपर
के
लोगों
को
कोरोना
वैक्सीन
को
मुफ्त
में
लगाने
की
घोषणा
की
गई
थी।
इस
पूरे
खर्च
को
केंद्र
सरकार
वहन
करेगी।
देश
में
अभी
भी
तकरीबन
14
लाख
कोरोना
के
सक्रिय
मामले
हैं।
भारत
में
कोरोना
की
वजह
से
अबतक
तकरीबन
3.49
लाख
लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है।
वहीं
टीकाकरण
की
बात
करें
तो
भारत
में
अभी
तक
23
करोड़
से
अधिक
कोरोना
की
खुराक
दी
जा
चुकी
है।
कहां
से
आएगी
133.6
करोड़
वैक्सीन
केंद्र
की
ओर
से
16
जनवरी
को
कहा
गया
कि
कोरोना
वैक्सीन
की
पहली
डोज
31
जुलाई
तक
53.6
करोड़
लोगों
को
मुहैया
करा
दी
जाएगी।
इसमे
से
23
करोड़
डोज
को
लगाया
जा
चुका
है।
ऐसे
में
अब
31
दिसंबर
तक
187.2
करोड़
वैक्सीन
की
उपलब्धता
सरकार
के
सामने
बड़ी
चुनौती
है।
1
अगस्त
से
31
दिसंबर
के
बीद
तकरीबन
133.6
करोड़
डोज
लोगों
को
लगाई
जाएगी
और
हर
रोज
90
लाख
लोगों
को
वैक्सीन
लगाई
जाएगी।
कहां
से
ये
वैक्सीन
आएगी
अगर
इसकी
बात
करें
तो
कोवीशील्ड
की
50
करोड़
डोज,
कोवैक्सीन
की
38.6
करोड़
डोज,
बायो
ई
की
30
करोड़
वैक्सीन,
जाइडस
कैडिला
की
5
करोड़,
स्पुतनिक
की
10
करोड़
वैक्सीन
की
खरीद
की
जाएगी।
कई
गुत्थी
को
सुलझाया
गया
मई
माह
में
सरकार
की
ओर
से
जो
गाइडलाइन
जारी
की
गई
थी
उसके
अनुसार
अलग-अलग
वैक्सीन
की
अलग-अलग
कीमत
थी,
जिसकी
वजह
से
काफी
दिक्कतों
का
सामना
करना
पड़
रहा
था।
लेकिन
अब
इस
मसले
को
सुलझा
लिया
गया
है।
31
जुलाई
तक
53.6
करोड़
लोगों
को
वैक्सीन
लगाई
जाएगी
और
प्रति
डोज
की
कीमत
150
रुपए
होगी।
31
जुलाई
के
बाद
नीति
आयोग
की
विशेष
कमेटी
वैक्सीन
की
कीमत
को
लेकर
बैठक
करेगी।
अगर
पुरानी
और
नई
गाइडलाइन
की
बात
करें
तो
पहले
राज्यों
को
वैक्सीन
की
खरीद
करनी
थी
और
उन्हें
ही
वैक्सीन
की
कीमत
को
लेकर
कंपनी
से
बात
करनी
थी,
लेकिन
अब
सिर्फ
केंद्र
सरकार
वैक्सीन
की
खरीद
करेगा
और
राज्यों
को
उनके
कोटा
के
अनुसार
एक
ही
कीमत
पर
देगा।
नई
नीति
से
होगी
सहूलियत
पहले
केंद्र
सरकार
50
फीसदी
वैक्सीन
भारत
में
बनी
हुई
खरीद
रहा
था,
जबकि
राज्य
सरकार
और
प्राइवेट
सेक्टर
के
अस्पताल
25-25
फीसदी
की
खरीद
कर
रहे
थे।
लेकिन
अब
केंद्र
सरकार
75
फीसदी
वैक्सीन
की
खरीद
करेगा
और
25
फीसदी
प्राइवेट
अस्पताल
खरीदेंगे,
जबकि
राज्यों
को
अब
केंद्र
की
ओर
से
मुफ्त
में
वैक्सीन
दी
जाएगी।
बता
दें
कि
पहले
केंद्र
सरकार
45
से
अधिक
उम्र
वालों
को
और
फ्रंटलाइन
वर्कर्स
को
मुफ्त
में
कोरोना
की
वैक्सीन
लगा
रही
थी,
लेकिन
अब
18
साल
से
ऊपर
के
सभी
लोगों
को
कोरोना
की
वैक्सीन
मुफ्त
में
लगाई
जाएगी।