डिजिटल पेमेंट में जबरदस्त बढ़ोत्तरी के बाद सरकार दूसरे चरण का अभियान शुरू करेगी
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार डिजिटल पेमेंट को लगातार बढ़ावा दे रही है, अगर दिसंबर 2016 के आंकड़ों पर नजर डालें तो उस वक्त कुल 95.75 करोड़ रुपए का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार इस जनवरी से नया कदम उठाने जा रही है। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार दूसरे चरण का अभियान शुरू करने जा रही है। इसके लिए डायरेक्टोरेट ऑफ एडवर्टाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी यानि डीएवीपी ने कमर कसनी शुरू कर दी है और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए इसका प्रचार करना जनवरी माह से शुरू कर देगा।
सभी मंत्रालय पेश करेंगे खाका
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बाबत बताया कि आईबी मिनिस्ट्री और आईटी मिनिस्ट्री एक साथ मिलकर डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए अपने कदम उठाने जा रही हैं और दोनों साथ मिलकर डिजिटल पेमेंट का बढ़ावा देंगे। दूसरे चरण के प्रचार के लिए लोगो और जिंगल को तैयार कर लिया गया है, माना जा रहा है कि अगली बैठक में डीएवीपी अपनी योजना का खाका पेश करेगा। इस बात की भीयोजना बनाई गई है कि सभी मंत्रालय अपनी योजना के साथ आगे आए कि कैसे वह अपने विभाग में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देंगे।
नोटबंदी के बाद बढ़ा डिजिटल पेमेंट
नोटबंदी के बाद से ही सरकार लगातार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है, जिससे कि देश लेस कैश अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ सके और अधिक से अधिक लोग टैक्स का भुगतान करें। प्राइवेट कंपनियों के डिजिटल भुगतान में एकदम से काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार देश मे 933 करोड़ ऑनलाइन लेन-देन हुआ है, जिसकी कुल कीमत 12.13 लाख करोड़ रुपए है, यह लेनदेन नवंबर 2016 से सितंबर 2017 तक हुआ है।
यूपीआई में भी बढ़ोत्तरी
डिजिटल भुगतान दिसंबर 2016 में 95.75 करोड़ रुपए पहुंच गया था, वहीं 2017 मार्च में यह 1.49 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 में कुल 87.7 करोड़ इलेक्ट्रॉनिक भुगतान किए गए जिसकी कुल लागत 1.24 लाख करोड़ रुपए थी। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक यूपीआई के जरिए भुगतान में काफी बढ़ोत्तरी आई है। यूपीआई के जरिए भुगतान 3 करोड़ से अधिक हुआ है, जिसकी कुल लागत 5290 करोड़ रुपए हैं, जोकि इसी वर्ष सितंबर माह में किया गया। पिछले वर्ष नवंबर माह मे यह 3 लाख था जोकि बढ़कर 90 करोड़ पहुंच गया।
मोबाइल बैंकिंग में भी इजाफा
वहीं मोबाइल बैंकिंग के आंकड़ों पर नजर डाले तो यह अबतक के सबसे उंचे स्तर पर पहुंच चुका है, सितंबर माह में यह 7.23 से बढ़कर 8.6 करोड़ तक पहुंच गया है। सितंबर में सबसे अधिक यह 2760 करोड़ पहुंच गया था, वहीं इंटरनेट बैंकिंग में भी काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला है।
इसे भी पढ़ें- आधार से लिंक नहीं है मोबाइल तो बंद नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही निर्णय