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BPSC की परीक्षा रद्द होने का दर्द इन लड़कियों से समझिए

बीपीएससी की परीक्षा रद्द होने के बाद अब परीक्षार्थियों को नई तारीख़ का इंतज़ार है. लेकिन परीक्षा रद्द होने से छात्रों की परेशानी कैसे बढ़ गई है आइए जानते हैं.

By BBC News हिन्दी
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'मैं बीपीएससी परीक्षा को लेकर आवेदन के समय से ही बहुत उत्साहित थी, लेकिन इस लीक से मुझे धक्का लगा. मेरा भरोसा टूट गया है कि अब मैं इस परीक्षा को मेधा के दम पर पास भी कर सकती हूँ या नहीं.''

यह कहना है पटना यूनिवर्सिटी की छात्रा और बीपीएससी परीक्षा में पहली बार हिस्सा लेने वाली अंजलि का.

Girl students suffering in BPSC exam paper leak matter

बिहार में आठ मई को बीपीएससी पीटी की परीक्षा के दौरान ही पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जगह-जगह हंगामा होने लगा. आयोग ने जांच के लिए कमिटी गठित की जिसके कुछ घंटे बाद ही परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी गई.

बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) परीक्षा के लिए सितंबर, 2021 में आवेदन निकाला. कुल 802 पदों पर भर्तियां होनी थीं. आयोग से परीक्षा की तारीख़ को लेकर भी उम्मीदवार नाराज़ थे क्योंकि पहले सात मई को परीक्षा की तारीख़ जारी की गई जिसे मात्र एक दिन बढ़ाकर आठ मई किया गया.

परीक्षा के लिए रिकॉर्ड स्तर पर छह लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. वहीं, परीक्षा देने वालों की संख्या भी पांच लाख से अधिक थी. आयोग के अनुसार, राज्य के 38 ज़िलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे.

परीक्षा की तारीख़ से शुरू हुआ विवाद

परीक्षा के लिए आवेदन भरने, केंद्र तक पहुँचने के लिए ट्रेनों से लेकर बसों तक में मारा-मारी होती है. इसके अलावा इस गर्मी में यहाँ-वहाँ रूकने का संघर्ष भी होता है. पैसे का संघर्ष तो अपनी जगह है ही. और इतना करते हुए परीक्षा देकर चैन की सांस लेने की जगह जब लीक की ख़बर आई तो यह उम्मीदवारों के लिए दिल तोड़ने वाला था.

उम्मीदवार प्रशांत कुमार दूसरी बार बीपीएससी परीक्षा में बैठे थे. उन्होंने बताया, ''परीक्षा देकर लौट रहा था कि पता चला कि परीक्षा रद्द हो गई. इसके अलावा परीक्षा की कोई तय समय-सीमा नहीं रहती. तारीख़ आगे बढ़ती रहती है. तीन साल में अगर एक पीटी लेंगे तो फिर परीक्षार्थी क्या करेगा? आयोग जल्द से जल्द एग्ज़ाम की अगली तारीख़ बताए.''

अंजलि कहती हैं, ''मैं जब तैयारी कर रही थी तो मुझे मेरे टीचर ने पाश की एक कविता सुनाई थी, 'सबसे ख़तरनाक होता है सपनों का मर जाना'. बाद में मैंने इस कविता को गूगल करके भी पढ़ा. पेपर लीक के बारे में मैं सरकार से यही कहना चाहती हूं कि वह उम्मीदवारों के सपनों को संवेदनशीलता से ले क्योंकि अगर ये सपने टूट गए और वे पलायन करने लगे तो न सिर्फ़ उनका (उम्मीदवारों) का भविष्य बल्कि राज्य का भविष्य गर्त में चला जाएगा.''

वहीं, जहानाबाद की सोनी कुमारी कहती हैं, ''मैंने बहुत अच्छी तरह तैयारी की थी. पेपर भी बढ़िया गया था तो विश्वास था कि इस बार पीटी में पास कर जाऊंगी और जल्द ही मेन्स की तैयारी शुरू कर दूंगी. लेकिन जबसे पेपर लीक हुआ है तो जो आशाएं थीं कि मेन्स लिखूंगी, वह टूट गईं.''

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'एक तरफ़ नौकरी तो दूसरी तरफ़ शादी का दबाव'

कई महिला परीक्षार्थियों पर पढ़ाई और नौकरी के अलावा दूसरा दबाव भी रहता है. बीपीएससी परीक्षा में हिस्सा लेने की न्यूनतम उम्र 21 साल है. परीक्षा के लिए आवेदन और लाखों उम्मीदवारों में से महज़ कुछ सौ लोगों के चयन के बीच बाकी का सपना झूलता रहता है. कई महिला उम्मीदवारों का कहना है कि इस साल नहीं हुआ तो अगले साल की तैयारी के बीच उन्हें बार-बार याद दिलाया जाता है कि उनकी शादी की उम्र निकली जा रही है.

इस परीक्षा में हिस्सा लेने वाली बेगूसराय की नंदिनी कहती हैं, ''एक लड़की के लिए हमारे समाज में बना हुआ है कि शादी सब कुछ है. तो जैसे ही लड़की 25-26 साल की हो जाती है और उसकी नौकरी ना लगे तो यह ताना सुनना पड़ता है कि इसकी न तो शादी हो रही है और न नौकरी मिल रही है. समाज आपको पूरी तरह से फ़ेल मानता है. ऐसे में दबाव बढ़ता जाता है और अगर परीक्षा समय से न हो और फिर पेपर लीक हो जाए तो अलग मुसीबत.''

पूजा कोलकाता से बिहार बीपीएससी की परीक्षा देने आई थीं. सैकड़ों किलोमीटर की यह यात्रा उन्होंने ट्रेन से की. वह कहती हैं, ''इस एग्ज़ाम के लिए इतनी मेहनत की. चार-पांच घंटे ही सो पाती थी. ट्रेन में इतनी ज़्यादा भीड़ थी कि किसी तरह आई और सो भी नहीं पाई. फिर परीक्षा देने गई और फिर पर्चा लीक हो गया. अब उम्र भी होने लगी है. साल दर साल इंतज़ार करते हैं. परीक्षा से पहले इतनी तैयारी की बात आती है. चाक-चौबंद रहने की बात आती है तो फिर ऐसा कैसे हो गया. मैं क्या बोलूं? मेरे पास बोलने के लिए शब्द ही नहीं है.''

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तैयारी की प्रक्रिया

64वीं बीपीएससी परीक्षा में चयनित ज्ञानू प्रताप सिंह बताते हैं कि इस परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर रहनेवाले उम्मीदवार ग्रैजुएशन से ही तैयारी शुरू कर देते हैं.

परीक्षा तीन स्तर पर होती है- पीटी (प्रारंभिक), मेन्स (मुख्य) और इंटरव्यू (साक्षात्कार). उन्होंने कहा, '' जैसे मैं अपने समय की बात करूं तो 2018 में अगस्त या सितंबर में आवेदन आया. दिसंबर में प्रारंभिक परीक्षा हो गई. इसके बाद 16 जुलाई, 2019 को मुख्य परीक्षा ख़त्म हुई, फिर 2020 के दिसंबर में इंटरव्यू शुरू हुआ. परीक्षा का रिज़ल्ट जून, 2021 में आया और नवंबर में ज्वाइनिंग हुई.

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English summary
Girl students suffering in BPSC exam paper leak matter
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