5 पन्नों के इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद के निशाने पर केवल राहुल गांधी, जानिए क्या-क्या लिखा
5 पन्नों के इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद के निशाने पर केवल राहुल गांधी, जानिए क्या-क्या लिखा
नई दिल्ली, 26 अगस्त: देश की सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को गांधी परिवार पर तीखे प्रहार के साथ पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस को अलविदा कह दिया। इसके साथ ही अपने इस्तीफे के साथ दिए हुए पांच पन्नों के पत्र में केवल राहुल गांधी पर निशाना साधा है, इसके साथ ही राहुल गांधी की 'अपरिपक्वता' को कांग्रेस के पतन का जिम्मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं उन्होंने ये तक दावा किया है कि कई सालों में भी कांग्रेस उबर नहीं पाएगी।
राहुल गांधी का बचकाना व्यवहार
गुलाम नबी आजाद ने राहुल के बचकाने व्यवहार पर कटाक्ष करते हुए कि पार्टी में सभी महत्वपूर्ण निर्णय उनके सुरक्षा गार्ड और निजी सहायकों द्वारा लिए जा रहे थे।
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राहुल ने ध्वस्त कर दिया सलाहकार प्रक्रिया
गुलाम नबी ने इस पत्र में लिखा दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद और खासकर जनवरी 2013 में जब उन्हें आपने (सोनिया गांधी) उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, तो आते ही पहले से पार्टी में मौजूद परामर्श तंत्र को ध्वस्त कर दिया गया।
पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को किया दरकिनार
गुलाब नबी ने कहा राहुल गांधी ने सभी अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चाटुकारों की एक नई मंडली ने पार्टी के मामलों को चलाना शुरू कर दिया।
राहुल की अपरिपक्वता का ये है जीता जागता उदाहरण
पत्र में लिखा उनकी (राहुल गांधी) अपरिपक्वता के सबसे चकित कर देने वाले उदाहरणों में से एक मीडिया की चकाचौंध में सरकारी आयुध को नष्ट करना था।
अनुभवहीन चाटुकारों की मंडली
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ने के पीछे वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करने और "अनुभवहीन चाटुकारों की मंडली" के बढ़ते बोलबाला का हवाला दिया।
राहुल की हरकत से 2014 यूपीए की हार
2014 से आपके नेतृत्व में और उसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेस दो लोकसभा चुनावों में अपमानजनक तरीके से हार गई है। 2014 - 2022 के बीच हुए 49 विधानसभा चुनावों में से 39 में उसे हार का सामना करना पड़ा। पार्टी ने केवल चार राज्यों के चुनाव जीते और छह उदाहरणों में गठबंधन की स्थिति में आने में सफल रही। दुर्भाग्य से, आज कांग्रेस केवल दो राज्यों में शासन कर रही है और दो अन्य राज्यों में बहुत मामूली गठबंधन सहयोगी है।
राहुल ने आवेश में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
नबी ने आगे लिखा विस्तारित कार्यसमिति की बैठक में अपने प्राणों की आहुति देने वाले पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का अपमान करने से पहले राहुल गांधी के आवेश में आकर पद छोड़ने के बाद, आपने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। एक ऐसा पद जिस पर आप पिछले तीन वर्षों से आज भी कायम हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त करने वाला 'रिमोट कंट्रोल मॉडल' अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू हो गया है। जबकि आप केवल एक नाममात्र के व्यक्ति हैं, सभी महत्वपूर्ण निर्णय राहुल गांधी द्वारा लिए जा रहे थे या इससे भी बदतर उनके सुरक्षा गार्ड और पीए (निजी सहायक) ये निर्णय ले रहे हैं।