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Azadi Ka Amrit Mahotsav: जब गुरुदेव ने कहा-'आजादी का मतलब केवल अंग्रेजों से मुक्त होना नहीं है बल्कि...'

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नई दिल्ली, 9 अगस्त। देश इस वक्त 'आजादी का अमृत महोत्सव' मना रहा है, ऐसे बहुत से लोग थे जिन्होंने कलम, विचार,कहानी के जरिए स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। ऐसे ही एक महान व्यक्ति का नाम है रवींद्रनाथ टैगोर, जिन्होंने अपने विचार, लेखनी और गीतों से ना केवल अंग्रेजों का विरोध किया बल्कि लोगों को जागृत करने की कोशिश भी की। उन्होंने ही भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' लिखा था।

गुरुदेव ने कहा-आजादी का मतलब केवल अंग्रेजों से मुक्त...

साहित्य को देश से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक नई पहचान दिलाने वाले नोबल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने दो देशों के राष्ट्रगानों को अपनी कलम से संवारा था। जी हां , गुरुदेव ने भारत के साथ-साथ बांग्लादेश के राष्ट्रगान को भी कलम बद्ध किया था। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की निंदा तो की, लेकिन महात्मा गांधी और उनके असहयोग आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन या सहमति नहीं दी थी।

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रवींद्रनाथ टैगोर एशिया के प्रथम व्‍यक्ति थे, जिन्‍हें नोबल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था। अपनी धुन के पक्के रवींद्रनाथ टैगोर को ये पुरस्कार उनकी रचना 'गीतांजलि' के लिए दिया गया था। उन्हें जार्ज पंचम की ओर से नाइटहुड की उपाध‍ि दी गई थी, जो कि उस वक्त अंग्रेजों की ओर से काफी प्रतिष्ठित मानी जाती थी लेकिन टैगोर ने सम्मान लौटा दिया था क्योंकि वो साल 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से काफी आहत थे, जिसकी वजह से उन्होंने ये सम्मान लौटा दिया था। उनका कहना था कि आजादी का मतलब केवल अंग्रेजों से आजादी नहीं है, बल्कि सच्ची स्वतंत्रता का अर्थ है स्वयं के प्रति सच्चे और ईमानदार होने की क्षमता। उनके विचार बहुत बहुत ही सुंदर थे, जिनको अगर इंसान मान ले तो उसका जीवन पल भर में संवर सकता है।

यहां पेश हैं रवींद्रनाथ टैगोर के अनमोल विचार

  • प्रसन्न रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत कठिन है- रवींद्रनाथ टैगोर
  • सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है। यह इसका प्रयोग करने वाले को घायल कर देता है- रवींद्रनाथ टैगोर
  • फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते: रवींद्रनाथ टैगोर
  • मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती: रवींद्रनाथ टैगोर
  • प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है: रवींद्रनाथ टैगोर

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English summary
Freedom does not simply mean political freedom from the British. True freedom means the ability to be truthful and honest with oneself otherwise autonomy loses all of its worth said Rabindranath Tagore.
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