Farmers Protest: अब शरद पवार ने समिति पर उठाए सवाल, कहा- 'स्वतंत्र व्यक्तियों' को करना था शामिल
Farmers Protest Update: मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब-हरियाणा के किसानों का प्रदर्शन जारी है। हाल ही में कुछ लोगों ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को लेकर सवाल उठाए थे। साथ ही उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नए कानूनों पर रोक लगा दी। साथ ही एक समिति का गठन किया। ये समिति ही अब तय करेगी कि नए कानून किसान विरोधी हैं या नहीं। अब इस समिति पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने सवाल उठाए हैं।
मीडिया से गुरुवार को बात करते हुए शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, उसमें पूरी तरह से स्वतंत्र व्यक्तियों को सदस्य बनाया जाना था। अभी आंदोलनकारी किसानों को समिति में विश्वास नहीं है, क्योंकि उसमें कुछ व्यक्ति ऐसे भी शामिल हैं, जिन्होंने शुरू में ही कृषि कानूनों को सही बता दिया था। इसी वजह से किसानों को लग रहा कि समिति की चर्चा से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मैं भी उनसे सहमत हूं। अगर पूरी तरह से स्वतंत्र व्यक्ति समिति में होते तो किसानों का उस पर विश्वास होता। हालांकि उन्होंने नए कानूनों पर रोक के फैसले का स्वागत किया है।
भूपिंदर सिंह मानः किसान आंदोलन मामले में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से अलग होने वाले मान कौन हैं?
क्या
कह
रहे
किसान?
किसान
संगठनों
का
कहना
है
कि
वो
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
का
सम्मान
करते
हैं,
लेकिन
उसकी
ओर
से
गठित
किसी
भी
समिति
के
सामने
पेश
नहीं
होंगे।
उनकी
मांग
तीन
नए
कानूनों
को
रद्द
करना
है।
जब
तक
नए
कानून
वापस
नहीं
लिए
जाते
वो
दिल्ली
से
लगती
सीमाओं
पर
मोर्चा
संभाले
रहेंगे।
वहीं
सुप्रीम
कोर्ट
ने
साफ
कर
दिया
है
कि
उन्होंने
जिस
पैनल
का
गठन
किया
है
उसमें
उनको
पूरा
विश्वास
है।