Farmers Protest: किसान नेताओं की केंद्र को दो टूक- 'आगे नहीं करनी बात, सरकार बताए अपना फैसला'
नई दिल्ली: तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसान मोदी सरकार से नए कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। पहले सरकार ने उसमें संशोधन का प्रस्ताव रखा था, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया। इसके बाद शनिवार को फिर से किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता हुई। इस दौरान किसान नेताओं ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक का एक लिखित बिंदुवार उत्तर देने को कहा, जिस पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने हामी भर दी है। वहीं इस बार भी किसान नेताओं ने सरकार के लंच को ठुकरा दिया। साथ ही जमीन पर बैठकर अपना खाना खाया।
विज्ञान भवन में हुई बैठक में केंद्रीय कृषि नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल समेत किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें समाधान और प्रतिबद्धता की जरूरत है। वो इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ आगे बातचीत नहीं करना चाहते हैं। साथ ही वो जानना चाहते हैं कि सरकार ने किसानों की मांग पर क्या निर्णय लिया है। उन्होंने बैठक के बीच में ही कह दिया कि अगर सरकार उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं लेती, तो वो उठकर बाहर चले जाएंगे।
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न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बैठक में किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल तक की सामग्री है। हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है। हम अहिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे। किसानों ने आगे कहा कि हम प्रदर्शनस्थल पर क्या कर रहे हैं ये बात आपको इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी बताते रहेंगे। वहीं किसान नेताओं ने बैठक में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि कनाडा में नए कृषि कानून पर चर्चा हो रही, लेकिन भारत सरकार इस पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।
कृषि
मंत्री
ने
की
अपील
बैठक
में
केंद्र
सरकार
की
ओर
से
क्या
फैसला
हुआ
इस
पर
कोई
अधिकारिक
बयान
तो
नहीं
जारी
हुआ
है,
लेकिन
कृषि
मंत्री
नरेंद्र
सिंह
तोमर
ने
किसान
नेताओं
से
एक
अपील
की
है।
उन्होंने
कहा
कि
देश
में
कोरोना
महामारी
फैली
हुई
है,
ऐसे
में
मैं
निवेदन
करता
हूं
कि
बच्चे
और
बुजुर्ग
लोग
प्रदर्शनस्थल
से
हटकर
अपने
घर
चले
जाएं।