राकेश टिकैत ने किया साफ- दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में नहीं होगा चक्का जाम
किसानों ने 6 फरवरी को चक्का जाम का ऐलान किया है। देशभर में किसान हाईवे को जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली-यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा।
Chakka Jam on 6 February: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल पिछले 72 दिनों से जारी है। सरकार और किसानों के बीच कृषि कानून पर कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन सब की सब बेनतीजा रही। ऐसे में अब किसानों ने कल यानी 6 फरवरी को चक्का जाम का ऐलान किया है। देशभर में किसान हाईवे को जाम कर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बीच किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा।
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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि 6 फरवरी को दिल्ली में चक्का जाम नहीं होगा। वहीं उन्होंने आंदोलन का समर्थन कर रहे लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग प्रदर्शन स्थल पर नहीं आ पाए हैं, वो अपने-अपने जगहों पर शांति पूर्ण तरीके से अपना विरोध जताएंगे। किसान कल देशभर में तीन घंटे के लिए चक्का जाम करेंगे। इस दौरान नेशनल और स्टेट हाईवे पर वाहनों की आवाजाही को अवरुद्ध रखेंगे। टिकैत ने बताया कि दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी चक्काजाम नहीं होगा। दोनों राज्यों में किसान प्रशासन को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे।
जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। ये जाम दिल्ली में नहीं होगा: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता pic.twitter.com/ENXDH0pWs4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2021
12 बजे से 3 बजे तक होगा चक्का जाम
किसान कृषि कानूनों के वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने बजट में किसानों को नजरअंदाज करना, प्रदर्शन स्थल पर इंटरनेट बंद करने सहित कई मुद्दों के विरोध में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। किसान यूनियन के नेताओं के मुताबिक शनिवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक सड़कों को जाम करते हुए सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे। किसान नेताओं का कहना है कि उनको इस बजट से काफी उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। सरकार न हमारी मांग मान रही है और न किसानों के लिए काम कर रही है।
ट्रैक्टर परेड में हुई थी हिंसा
मालूम हो कि नवंबर से सिंधु, गाजीपुर समेत दिल्ली के कई बॉर्डर इलाकों पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हैं। इससे पहले 26 जनवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में शामिल कुछ उपद्रवी लाल किले पर पहुंच गए थे और वहां पर उन्होंने जमकर हिंसा की थी। गणतंत्र दिवस जैसे हालात फिर न बने इसको देखते हुए सरकार भी सुरक्षा व्यवस्था में जुटी हुई है।