फ्रेंच नेवी ऑफिसर की करतूत है स्कॉर्पीन पनडुब्बी लीक!
नई दिल्ली/पेरिस। बुधवार को भारत के साथ ही इंडियन नेवी, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के लिए स्कॉर्पीन पनडुब्बी के सीक्रेट डाटा का लीक होना एक बड़ा झटका था। फ्रेंच कंपनी डीसीएनएस जो इस पनडुब्बी का निर्माण कर रही है उसने भारत के साथ एक बयान जारी किया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया मीडिया ने दावा किया है कि इस डाटा लीक में फ्रेंच नेवी का एक रिटायर्ड ऑफिसर शामिल है।
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पहले भारत पर ही मढ़ दिया आरोप
ऑस्ट्रेलियन न्यूजपेपर द ऑस्ट्रेलियन के मुताबिक एक फ्रेंच नेवी ऑफिसर डीसीएनएस के लिए बतौर जूनियर कांट्रैक्टर काम करता था। इन डॉक्यूमेंट्स को वर्ष 2011 में फ्रांस में ही तैयार किया गया था।
शुरुआती दौर में कंपनी ने भारत पर लीक का आरोप लगाया था। कंपनी ने कहा था कि वह पनडुब्बी की सप्लाई करती है लेकिन इसके टेक्निकल डाटा पर इसका कोई नियंत्रण नहीं है। अब फ्रेंच कंपनी ने कहा है कि डाटा लीक एक गंभीर मसला है और इस मामले की जांच की जाएगी।
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सिर्फ भारत की छह पनडुब्बियों का डाटा
खास बात यह है कि डीसीएनएस ने जो पनडुब्बियां भारत को देने के लिए तैयार की हैं, उससे जुड़ा डाटा लीक हुआ है। चिली और रूस भी लीक का हिस्सा हैं लेकिन वह भारत की डील से जुड़े नहीं हैं। द ऑस्ट्रेलियन की मानें तो सिर्फ उन्हीं छह पनडुब्बियों का डाटा लीक हुआ है जो भारत को मिलने वाली हैं।
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क्या सोचते हैं भारतीय अधिकारी
वहीं भारतीय अधिकारियों की मानें तो इस लीक का स्कॉर्पीन पनडुब्बी के डेप्लॉयमेंट पर कोई खासा असर नहीं पड़ेगा।हालांकि रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने इंडियन नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबो को इस पूरे मुद्दे का अध्ययन करने के आदेश दे दिए हैं। रक्षा मंत्री ने इसे साफ तौर पर हैकिंग का मामला करार दिया।