कोरोना की हर दवा अब भारत में उपलब्ध, प्रोटोकॉल और नन-प्रोटोकॉल दवाओं की पूरी लिस्ट देखिए
नई दिल्ली, 19 मई: केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के इलाज में आवश्यक हर दवा अब देश में उपलब्ध है और पूरी सप्लाई चेन उसकी निगरानी में है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार ने कोरोना के इलाज में उपयोगी सभी दवाओं का उत्पादन और आयात बढ़ाकर इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की है। इसके साथ ही कोविड प्रोटोकॉल और नन-प्रोटोकॉल दवाओं की एक लिस्ट भी जारी की है और यह भी बताया है कि उनकी सप्लाई कितनी है और विभिन्न राज्यों को किस अनुपात में आवंटित किया जा रहा है। सरकार की ओर से बताया गया है कि बीते दिनों इन जरूरी दवाओं का उत्पादन और आयात किस मात्रा में बढ़ाई गई है, जिससे डिमांड और सप्लाई का गैप कम हुआ है और उसकी जरूरतमंदों तक पहुंच भी सुनिश्चित की जा रही है।
कोविड
प्रोटोकॉल
वाली
दवा
सरकार
की
लिस्ट
में
जिन
दवाओं
को
कोविड
के
इलाज
के
लिए
प्रोटोकॉल
दवाओं
में
शामिल
किया
गया
है,
वे
हैं-
- रेमडेसिविर
- एनोक्सापारिन
- मिथाइल प्रेडनिसोलोन
- डेक्सामिथासोन
- टोसिलिजुमैब
- आइवरमेक्टिन
नन-प्रोटोकॉल दवा
- फेविपिराविर
- एम्फोटेरिसिन
-
एपिक्साबैन
दवाओं
के
उत्पादन
में
कई
गुना
इजाफा
सरकार
के
मुताबिक
रेमडेसिविर
बनाने
वाले
प्लांट
20
से
बढ़ाकर
60
की
जा
चुकी
हैं,
जिसका
नतीजा
ये
हुआ
कि
सिर्फ
25
दिनों
में
इसकी
उपलब्धता
3
गुना
बढ़
गई
है
और
इसके
उत्पादन
में
10
गुना
इजाफा
हो
गया
है।
मसलन,
इस
साल
अप्रैल
में
इसका
उत्पादन
10
लाख
वायल
प्रति
महीने
से
बढ़कर
मई
में
1
करोड़
वायल
प्रति
महीने
हो
चुका
है।
टोसिलिजुमैब
इंजेक्शन
की
आयात
सामान्य
समय
से
20
गुना
बढ़ाई
जा
चुकी
है।
डेक्सामिथासोन
0.5
एमजी
टैबलेट
का
उत्पादन
एक
महीने
के
अंदर
6
से
8
गुना
बढ़
चुका
है।
डेक्सामिथासोन
इंजेक्शन
का
उत्पादन
एक
महीने
में
4
गुना
हो
चुका
है।
यही
हाल
मिथाइल
प्रेडनिसोलोन
इंजेक्शन
का
है,
जिसका
एक
महीने
में
करीब
3
गुना
ज्यादा
प्रोडक्शन
हो
रहा
है।
आइवरमेक्टिन
12
एमजी
टैबलेट
का
उत्पादन
तो
अप्रैल
से
मई
के
बीच
ही
5
गुना
बढ़
चुका
है।
पिछले
महीने
150
लाख
टैबलेट
उत्पादित
होता
था,
जो
आज
की
तारीख
में
770
लाख
तक
पहुंच
चुका
है।
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इसी तरह फेविपिराविर जो कि एक नन-प्रोटोकॉल दवा है, लेकिन यह वायरल लोड कम करने में काम आती है। एक महीने में इसका उत्पादन 326.5 लाख से 4 गुना बढ़कर अब 1,644 लाख हो चुका है। एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन का प्रोडक्शन भी एक महीने में 3 गुना बढ़ा है। इसकी 3.80 लाख वायल उत्पादित हो रही है, जबकि 3 लाख वायल आयात किया जा रहा है। कुल मिलाकर 6.80 वायल देश में उपलब्ध होगी।
भारत में उपलब्ध कोरोना की सभी दवा और उसके आवंटन की पूरी लिस्ट देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए