सिद्धारमैया के खिलाफ भाजपा के विज्ञापन पर चुनाव आयोग ने लगाई रोक
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नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भाजपा और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन इस बात दोनों दलों के बीच विज्ञापन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल भाजपा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ विज्ञापन निकाला था, जिसपर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी। चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत के बाद इस विज्ञापन पर रोक लगा दी है।
कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने भाजपा के तीन विज्ञापनों पर रोक लगा दी है, इन तीनों विज्ञापनों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना की गई है। विज्ञापन में बताया गया है कि कैसे पिछले पांच साल के दौरान सिद्धारमैया भ्रष्टाचार में लिप्त थे और उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ। इससे पहले भाजपा ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने उसके सभी विज्ञापनों को हरी झंडी दी थी, इसके बाद ही इसे टीवी चैनल्स पर ऑन एयर किया गया था।
भाजपा ने कहा कि अगर कोई विज्ञापन किसी विशेष वर्ग को सूट नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि इसे बैन कर देना चाहिए। आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने इन विज्ञापनों पर अस्थाई रोक लगाई है। चुनाव आयोग इस मामले की सुनवाई कर रहा है। खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग ने भाजपा के इस विज्ञापन को टीवी चैनल्स, रेडियो, सोशल मीडिया सहित सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित कर दिया है।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि यह विज्ञापन आचार संहिता का उल्लंघन है, लिहाजा इसपर प्रतिबंध लगना चाहिए। जिसके बाद आयोग ने इसपर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया था। आयोग के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा का यह एजेंडा फेल हो गया, कर्नाटक में भाजपा हार से डरी हुई है। आपको बता दें कि कर्नाटक में 12 मई को चुनाव होना है, जबकि 15 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे।