केजरीवाल के अयोग्य विधायक बोले: पार्टी और नेता के लिए जान दे देंगे
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद दल से प्रतिक्रियाएं आ रही है। अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से एक अनिल वाजपेयी ने कहा कि वो अपनी पार्टी और नेता के के लिए जान देने को तैयार हैं। वाजपेयी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली दिन से हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने हमारे साथ अन्याय किया है। वाजपेयी ने कहा कि झारखंड, हरियाणा और तेलंगाना में भी संसदीय सचिव हैं, उसका क्या हुआ? हम हमेशा से अरविंद के साथ रहे हैं, हमारी पार्टी संघर्षों से बनी है. विधायकी क्या चीज है, हम केजरीवाल के लिए जान देने को भी तैयार हैं।'
विधायक अलका लांबा ने कहा कि
वहीं अयोग्य ठहराई गई विधायक अलका लांबा ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति ने जल्दबाजी में निर्णय लिया, हमें बोलने का मौका नहीं दिया। हम न्यायपालिका पर भरोसा करते हैं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं। आप के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हम राष्ट्रपति से मिलने की उम्मीद कर रहे थे ताकि हमें अपनी बात रखने का मौका मिले। अब हमें यह समाचार प्राप्त हुआ यदि आवश्यकता हुई तो आप को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।
ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी...
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'ऊपर वाले ने 67 सीट कुछ सोच कर ही दी थी। हर क़दम पर ऊपर वाला आम आदमी पार्टी के साथ है, नहीं तो हमारी औक़ात ही क्या थी। बस सच्चाई का मार्ग मत छोड़ना।' वहीं कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि चुनाव आयोग ने फैसला तो जरूर लिया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी की सांठ गांठ थी, इसलिए फैसले में देरी की।
माकन ने कहा कि
माकन ने कहा कि- 22 दिसंबर को चुनाव आयोग ने तीन राज्यसभा की सीट को डिक्लेयर किया। हमारा यह कहना है कि अगर यह 19 जनवरी की जगह 22 दिसंबर को यह फैसला लिया जाता तो 22 दिसंबर से पहले आम आदमी पार्टी टूट जाती। जब 20 विधायक, वोट ही नहीं कर पाते तो आम आदमी पार्टी के अंदर इतना विभेद था कि इनके तीनों राज्यसभा के अंदर चुन कर नहीं जाते।
उन्हें इस्तीफा देना चाहिए
माकन ने कहा कि आगे संभावित चुनावों के लिए कांग्रेस तैयार है। हम पूरी दिल्ली में अपने कार्यकर्ताओं की बैठक करेंगे। आंदोलन करेंगे और हमें उम्मीद है कि तीन साल पहले दिल्ली की जनता ने जो भूल की थी, वो सुधारेगी। माकन ने कहा कि कल से कांग्रेस, अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर आंदोलन करेगी। केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।