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चीन को जवाब देने के लिए बॉर्डर पर तैनात हुए लड़ाकू विमान

By Sachin Yadav
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नई दिल्ली। चीन की सीमा से लगे अपने बॉर्डर को मजबूत करने में भारतीय सेना जुट गई है। चाहे लद्दाख हो या फिर अंडमान निकोबार द्वीप हर जगह पर भारतीय सेना खुद को मजबूती के साथ और ज्यादा दुरूस्त बनाने में जुट गई है।

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चीन बॉर्डर पर सेना को मिलेगी मजबूती

भारतीय सेना ने अंडमान निकोबार द्वीप पर अपने सुखोई 30एमकेआई लड़ाकू विमान, जासूसी करने वाले ड्रोन और मिसाइलों को तैनात किया है। वहीं पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी लद्दाख में अपनी गतिविधियों को और ज्यादा तेज किया है। इन दोनों ही क्षेत्रों में भारतीय सेना ने जवानों को भी तैनात किया है।

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चीन की पीपुल्स ​लिबरेशन आर्मी के मुकाबले अपनी सेना को और ज्यादा मजबूती देने के लिए भारतीय वायुसेना ने अरूणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग इलाके में एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड को शुक्रवार को शुरू करेगा।

एयर आॅपरेशन अच्छी तरह से होंगे मॉनीटर

बताया जा रहा है कि रणनीतिक संपत्ति के तौर पर इसे विकसित किया जा रहा है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू और पूर्वी एयर कमांड एयर चीफ एयर मार्शल सी हरि कुमार इसकी शुरूआत करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि एजीएल की शुरूआत के बाद पूर्वोत्तर में हमारे आॅापरेशन को अच्छी तरह से मॉनीटर किया जा सकेगा। साथ ही एयर आॅपरेशन का रिस्पांस टाइम भी काफी अच्छा हो जाएगा।

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एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड को लेकर भारतीय सेना इन ​दिनों काफी तेजी दिखा रही है। इससे पहले दौलत बेग ओल्डी और न्योमा, लद्दाख में इसे शुरू कर चुके हैं। ​अरूणाचल प्रदेश के पसिघाट में यह पांचवां एजीएल शुरू होगा। इसके अलावा जाइरो, अलांग, मेकहुका और वालांग में एजीएल चल रहे हैं। इस साल के अंत तक तूतिंग और अगले साल अप्रैल में तवांग में भी यह शुरू हो जाएंगे।

इस की तर्ज पर भारत सरकार ने अंडमान और निकोबार कमांड के लिए भी कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। यहां पर वर्ष 2001 के बाद से ही सेना का यह हिस्सा राजनीति का शिकार हो रहा था।

रोड और रेल का संपर्क न होना, एक बड़ी दिक्कत

इसके अलावा अंडमान और निकोबार कमांड में सुखोई-30एमकेआई फाइटर्स और सी-130जे सुपर हरक्युलस एयरक्रॉफ्ट को तैनात किया है। इसके अलावा लंबी दूरी तक पेट्रोलिंग के लिए एंटी सबमरीन वारफेर पोसाएडन-8 आई एयरक्रॉफ्ट को तैनात किया गया है। यहां से भारत चीन के खिलाफ अपनी रणनीति को और ज्यादा मजबूत ​तरीके से पेश कर सकता है।

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पर अभी भी चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर रोड और रेल का संपर्क न होना, एक बड़ी दिक्कत की बात है। यह वास्तविक नियंत्रण रेखा करी 4,057 ​किलोमीटर लंबी है।

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English summary
deployment of additional Sukhoi-30MKI fighters on china border by indian air force
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