नोटबंदी: ATM के कतार में खड़े इस बेबस बुजुर्ग का आखिर कसूर क्या है?
गुड़गांव में स्टेट बैंक की एक ब्रांच में अपना पैसा निकालने आए 78 साल के एक रिटायर्ड फौजी नंदलाल ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि नोटबंदी के लिए तैयारी पूरी क्यों नहीं की?
नई दिल्ली। बीते 8 नवंबर के बाद से भारत का आम आदमी एटीएम की कतार में खड़ा है, घर की महिलाएं, बुजुर्ग सभी आज अपने ही पैसों को पाने के लिए जूझ रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से बार-बार यही कहा जा रहा है कि थोड़ी सी परेशानी के बाद देश में एक नया दौर आएगा और काले धन वालों का मुंह काला हो जाएगा।
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इन दिनों ये बूढ़े व्यक्ति की रोती हुई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो कि मोदी सरकार से सवाल कर रही है कि आखिर मेरा कसूर क्या है?
78 साल के एक रिटायर्ड फौजी नंद लाल की तस्वीर
ये फोटो गुड़गांव में स्टेट बैंक की एक ब्रांच में अपना पैसा निकालने आए 78 साल के एक रिटायर्ड फौजी नंदलाल की है, जिनका धैर्य अब जवाब दे दिया है और उनकी रोती-छलकती आवाज, और लाठी पकड़े झुकी हुई कमर पीएम मोदी से सवाल कर रही है कि जब ये करना था तो तैयारी पूरी क्यों नहीं की?
इस पीड़ा का हल क्या है?
इस फोटो को सबसे पहले हिंदुस्तान टाइम्स ने प्रकाशित किया था और उसके बाद ये तस्वीर और नंदलाल का दर्द सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
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आपको बता दें तीन दिनों तक लगातार लाइन में लगे नंदलाल को अपनी पेंशन की रकम चाहिए थी ताकि वो खाना बनाने वाली, राशन वाले और दूध वाले को पैसे दे सकें और अपनी दवाईयों का पेमेंट कर सकें। लेकिन ऐसा कर पाने में वो काफी असमर्थ दिखे क्योंकि उम्र उनकी ऐसी नहीं कि वो घंटों लाइन में खड़े रह पाए लेकिन फिर भी वो तीन दिन तक लगातार लाइन में लगे रहे और धक्के खाते रहे ।
जब दिल ही टूट गया तो जी कर क्या करेंगे
अपने बारे में बताते हुए नंदलाल ने कहा...जब दिल ही टूट गया तो जी कर क्या करेंगे, यो जो कुछ भी हुआ है वो बिना होमवर्क के हुआ है। बाद का तो पता नहीं लेकिन अभी तो बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। पता नहीं नंदलाल जैसे ना जाने कितने लोग इस समय ऐसी परेशानी से जूझ रहे होंगे।
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मालूम हो कि नंदलाल एक रिटायर्ड फौजी हैं जिन्होंने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भारत और पाकिस्तान की सीमा पर अपनी सेवाएं दी थीं। उन्हें सरकार की ओर से 8000 रूपए महीना पेंशन मिलती है, लेकिन आज उन्हें अपने ही पैसे निकालने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
इस बारे में आपका क्या कहना है, आखिर आप नंदलाल के दर्द से इत्तफाक रखते हैं, अपनी बात नीचे के कमेंट बॉक्स में दर्ज कराएं...।