शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूरी की सुनवाई, फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषणों के आरोपी शरजील इमाम द्वारा दायर एक याचिका पर आज (गुरुवार) दिल्ली उच्च न्यायालय सुनवाई की। दिल्ली हाई कोर्ट ने शरजील इमाम द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एक ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी, जिसमें नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषणों से संबंधित एक मामले में जांच और फाइल चार्जशीट पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस को समय दिया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बता दें कि शरजील इमाम ने 13 दिसंबर को कथित भड़काऊ भाषण दिया था, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। इसको लेकर पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 124A (राजद्रोह) और 153A (धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच शरजील इमाम का एक बेहद आपत्तिजनक वीडियो सामने आया था।
पिछले महीने मई में देशद्रोही भाषण देने और भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार शरजील इमाम ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया था। शरजील इमाम ने वकील भावुक चौहान की अध्यक्षता वाली एक कानूनी टीम के माध्यम से दायर याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट से आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 (2) के तहत शरजील को डिफॉल्ट बेल (जमानत) पर रिहा करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। इससे पहले गत 1 मई को दिल्ली पुलिस ने शहर की अदालत को बताया था कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम पर देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने के लिए एक विशेष धार्मिक समुदाय को उकसाने का आरोप है। इसलिए उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लगाया गया।
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