दिल्ली: कोर्ट ने शशि थरूर के खिलाफ मानहानि मामले में फैसला सुरक्षित रखा
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शशि थरूर 'बिच्छू' वाली टिप्पणी पर समन जारी करने का आदेश सुरक्षित रख लिया। एडिनशल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि कोर्ट 17 अप्रैल को इस मामले में आदेश देगी कि क्या कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को समन भेजना है या नहीं। कोर्ट बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत पर सुनवाई कर रही है। राजीब बब्बर का कहना है कि कांग्रेस नेता के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

'भगवान शिव के भक्तों की भावनाएं आहत'
राजीव बब्बर ने अपनी शिकायत में कहा कि मैं भगवान शिव का भक्त हूं। शशि थरूर ने करोड़ों शिव भक्तों की भावनाओं की पूरी तरह से नजरअदांज किया, जिसने भारत और भारत के बाहर भगवान शिव के सभी भक्तों की भावनाओं को आहत किया। शिकायत में ये भी कहा गया है कि इस बयान से उसकी धार्मिक भावना आहत हुई है और आरोपी(शशि थरूर) ने जानबूझकर ये दुर्भावनापूर्ण कार्य किया, जिसका उद्देश्य भगवान शिव भक्तों की धार्मिक भावनाओं का अपमान करना था, जो उनकी धार्मिक मान्यता को अपमामानित करता है।इस मामले में मानहानि से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज की गई है।
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गौरतलब है कि शशि थरूर ने 28 अक्टूबर, 2018 को बेंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि संघ के सदस्य ने एक पत्रकार से नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा था कि मोदी आरएसएस के लिए शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं , जिसे न हाथ से हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से मारा जा सकता है, अगर हाथ से हटाया तो वो बुरी तरह से काट लेगा।'
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