केदारनाथ त्रासदी: 1 साल बाद भी जंगलचट्टी में 100 से ज्यादा नरकंकाल
हम सैल्यूट करेंगे टीवी चैनल न्यूज नेशन की टीम को, जिसकी खबर के बाद प्रशासन जागा और फिर से कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया। महज दो दिन पहले न्यूज चैनल ने उन नर कंकालों की तस्वीरें दिखाईं, जो आज भी जंगल में पड़े हुए हैं। शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, तमाम शवों को चील कौवे खा चुके हैं, तमाम शवों की तो महज हड्डियां मात्र बची हैं, तमाम शव ऐसे हैं, जिनके कंकालों के हाथों में चूड़ियां आज भी उसके सधवा होने का प्रतीक बनकर विराजमान हैं। तमाम शव ऐसे हैं, जिनके पैरों में जूते, चप्पल आज भी पड़े हुए हैं, पास में पूजा का सामान, कपड़े, बैग, आदि पड़े पाये गये।
खैर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू करने के बाद सभी शवों की डीएनए जांच करने की बात कही है, लेकिन इस खबर से उत्तराखंड सरकार की नाकामी का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है। बर्फ बिघलने के बाद अब जैसे-जैसे जंगलचट्टी के रहस्य खुल रहे हैं, वैसे-वैसे सरकार की नाकामियां सामने आ रही हैं, जिसने कहा था कि सभी मृतकों का दाहसंस्कार कर दिया गया।
स्थानीय लोगों की मानें तो जंगल में 100 से ज्यादा लाशों के होने की संभावना है। ये उन लोगों की लाशे हैं, जो हादसे के बाद पड़ी बर्फ में जम गईं और करीब सात से आठ महीने तक बर्फ में दबी रहीं, बर्फ पिघलने के बाद लाशें सड़नी शुरू हो गईं।
उत्तराखंड सरकार के अनुसार केदारनाथ में 3782 लोगों की मौत हुई थी। जाहिर है इन शवों के मिलने के बाद यह संख्या और बढ़ जायेगी।
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