नक्सली हमले में जान गंवाने वाले कैमरामैन साहू के भाई ने बताया, 'कहीं भी जाने से नहीं डरता था मेरा भाई'
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा में दूरदर्शन टीम पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था जिसमें दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत हो गई। इस हमले में दो जवान भी शहीद हुए। ये हमला अरनपुर में हुआ जहां पहली बार वोटिंग होने वाली है। दूरदर्शन की टीम उसी की रिपोर्टिंग के लिए दौरे पर गई थी। इस नक्सली हमले में अच्युतानंद साहू की मौत की खबर सुन उनके परिवार में मातम पसर गया। उनके भाई प्रभात साहू ने बताया कि अच्युतानंद निडर स्वभाव के थे और वे कहीं भी जाने के लिए तैयार रहते थे।
'साहू पांच भाई बहनों में सबसे छोटे थे'
ओडिशा के घुसरामुडा गांव के रहने वाले साहू पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। बड़े भाई प्रभात ने बताया कि अच्युतानंद आर्मी में काम कर चुके थे, इसलिए सियाचीन तक जाने में उनको डर नहीं लगता था। लेकिन उन लोगों को ये नहीं पता था कि वह इतनी जल्दी सबको छोड़कर चले जाएंगे। अच्युतानंद साहू की असमय मौत से बड़े भाई प्रभात साहू समेत पूरा परिवार सदमे में है। उनकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है, पूरे परिवार को समझ नहीं आ रहा है कि परिवार पर ये असमय विपत्तियों का पहाड़ कैसे टूट पड़ा।
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अच्युतानंद अपने पूरे परिवार की देखभाल करते थे
उनके करीबियों का कहना है कि अच्युतानंद अपने पूरे परिवार का ख्याल रखते थे। अच्युतानंद ने 29 जुलाई को अपने फेसबुक पर लिखा था, 'लव इज ब्लाइंड, बट मैरेज इज अ रियल आई ओपनर' और अपनी पत्नी के साथ फोटो का कोलाज बनाकर पोस्ट किया था। वे अपने परिवार का खर्च भी चलाते थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है। जबकि उनकी मां की दोनों किडनियां खराब हैं और पिता को न आंखों से ठीक से दिखाई देता है और न कानों से ठीक से सुनाई देता है। साहू कुछ दिन पहले ही लालकिले पर पीएम के झंडा फहराने के कार्यक्रम की कवरेज के लिए भी गए थे।
नक्सली हमले में गंवाई जान
सूचना मंत्रालय ने कैमरामैन साहू के परिवार को सहायता के तौर पर 10 लाख रुपये जबकि पीआईबी ने भी 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। साहू की पत्नी को नौकरी देने की घोषणा भी की गई है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, नक्सली बड़ी वारदात को अंजाम देकर डर का माहौल पैदा करना चाहते हैं। बीते शनिवार को भी नक्सलियों द्वारा किए गए आइईडी ब्लास्ट में चार जवान शहीद हुए थे।