कोरोना वैक्सीन पर बड़ा ऐलान, 'कोवैक्सीन' और 'कोविशील्ड' के इमरजेंसी इस्तेमाल को मिली मंजूरी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खात्मे की उल्टी गिनती अब शुरू हो गई है। महामारी से लड़ने के लिए वैक्सीन का इंतजार अब खत्म हो गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल पर अंतिम मंजूरी दे दी है। इससे पहले सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' और सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश भारत के औषधि नियामक से की थी। डीसीजीआई की ओर से मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन के उपयोग का रास्ता साफ हो गया है।
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इसके साथ ही मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी गई है। DCGI के अनुसार दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं। टीकाकरण के दौरान दो-दो डोज डी जाएगी। इससे पहले इन दोनों कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश करने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने कुछ शर्तों के साथ दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी दी थी, जिस पर आज डीजीसीआई ने आखिरी मुहर लगाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इसकी पुष्टि की गई है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को डीजीसीआइ से अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ' वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की जंग में एक निर्णायक क्षण! सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को डीसीजीआइ की मंजूरी से एक स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा। इस मुहिम में जी-जान से जुटे वैज्ञानिकों-इनोवेटर्स को शुभकामनाएं और देशवासियों को बधाई।
यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सेवा भाव के लिए हम डॉक्टरों, मेडिकल प्रोफेशनल्स, वैज्ञानिकों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और सभी कोरोना वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। देशवासियों का जीवन बचाने के लिए हम सदा उनके आभारी रहेंगे।'