क्या वाकई घट रहे हैं कुछ राज्यों में कोरोना के केस? एक्सपर्ट ने दिया ये जवाब
कोरोना वायरस के संकट के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी अपना विकराल रूप दिखा रही है और लगातार बढ़ रहे मरीजों के कारण दिल्ली सहित कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट भी गहरा रहा है। सोमवार को कर्नाटक के चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी के कारण 24 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के संकट के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि देश के कुछ राज्यों में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है। वहीं, विशेषज्ञों ने सरकार के इस बयान पर अपनी असहमति जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगा।
'13 राज्यों में कोरोना केस घटने के संकेत'
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, 'दिल्ली, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और पंजाब सहित 13 राज्य ऐसे हैं, जहां कोरोना वायरस के मामलों में कमी के शुरुआती संकेत मिले हैं। वहीं, बिहार, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं।'
'12 राज्यों में कोरोना के एक्टिव केस 1 लाख से ज्यादा'
लव अग्रवाल ने बताया, 'छत्तीसगढ़ में 29 अप्रैल को कोरोना वायरस के 15583 मामले सामने आए, जबकि 2 मई को 14087 केस मिले। इसी तरह दिल्ली, दमन और दीव, गुजरात, झारखंड, लद्दाख, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी कोरोना के दैनिक मामलों में गिरावट आई है। देश में महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु ऐसे 12 राज्य हैं, जहां एक्टिव केस 1 लाख से ज्यादा हैं।'
क्या है विशेषज्ञों की राय
हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के इस बयान पर विशेषज्ञों का कहना है कि अभी इस एक ट्रेंड के तौर पर देखना जल्दबाजी होगा। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने बताया, 'आप महज 48 या 72 घंटे के आंकड़ों के आधार पर कोरोना वायरस को लेकर कोई राय या ट्रेंड नहीं बना सकते। हो सकता है कि आप जल्दबाजी कर रहे हों। इस बारे में एक ट्रेंड देखने के लिए कुछ हफ्तों के अध्ययन की जरूरत है।'
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