यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा और चिकित्सकों की सुरक्षा में तैनात किए जाएंगे रोबोट्स!
बेंगलुरू। जयपुर एसएमएस हॉस्पिटल के बाद दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में जल्द ही ऐसे रोबोट्स सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सेवा और चिकित्सकों की सुरक्षा में तैनात हुआ देखा जा सकता है, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित मरीजों की देखभाल और चिकित्सकों को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करेंगे।
गौरतलब है जयपुर में स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में तैनात एक ह्यमनॉइड रोबोट सोना को कोरोना संक्रमण से चिकित्सकों को बचाने के लिए आइसोलेशन वार्ड में तैनात किया गया है। सोना रोबोट आइसोलेशन वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों को दवा देती हैं और उनका देखभाल भी कर रही है।
कोरोना महामारीः जानिए कैसे आता है और कैसे जाता है वायरस का संकट?
कुछ ऐसा ही नज़ारा जल्द तमिलनाडु में सरकारी चिकित्सा केंद्र में भी देखा जा सकता है, जहां मरीजों की सेवा और डाक्टरों की सुरक्षा के उद्देश्य से रोबोट की तैनाती की जाएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक तिरुचिरापल्ली की एक निजी सॉफ्टवेयर कंपनी ने COVID-19 आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को दवाई देने के लिए तमिलनाडु के एक सरकारी अस्पताल को 10 ह्यूमनॉइड रोबोट दान किए हैं। 10 ह्यूनॉइड रोबोट महात्मा गांधी मेमोरियल को दान दिया गया था, जो वहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को रोबो को भोजन और दवा परोसेंगे।
कोरोना रोगियों की सेवा के लिए अभिनेत्री से नर्स बन गई यह एक्ट्रेस, संजय मिश्रा के साथ दिख चुकीं हैं!
माना जा रहा है कि ह्यमनॉइड रोबोट उन स्वास्थ्य कर्मियों की भी मदद करेंगे, जो अत्यधिक संक्रामक कोरोनो वायरस के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में तैनात हैं। बताया गया है कि अब तक उनमें से चार रोबोट उपयोग के लिए तैयार हैं। अस्पताल के डीन ने कहा, "अगर जिला प्रशासन ऐसा करने की अनुमति देता है तो रोबोट का इस्तेमाल किया जाएगा।"
कोरोना संकटः राज्यों को भारत आए 15 लाख अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को ट्रैक करने का निर्देश!
उल्लेखनीय है जब चीन में नोवल कोरोना वायरस का प्रकोप तीव्र गति से फैलने लगा, तो वुहान और अन्य शहरों के कई अस्पताल मरीजों का इलाज करने और डाक्टरों की सुरक्षा के लिए उच्च तकनीक वाले उपकरणों का उपयोग किए जा रहे थे।
बताया जाता है कोरोना प्रभावित चीनी शहर वुहान में स्थित टोंगजी तियान्यो अस्पताल और वुहान केंद्रीय अस्पताल शंघाई सिक्सथ पीपुल्स अस्पताल में कोरोनो वायरस वार्डों ने मानव कर्मचारियों पर काम का बोझ कम करने और मरीजों की सेवा और डाक्टरों की संक्रमण से सुरक्षा के लिए हॉस्पिटल में रोबोट तैनात किए गए थे।
कोरोना संकट: गरीब कल्याण पैकेज क्या है? जानिए, राहत राशि कहां और कैसे खर्च करेगी सरकार?
हॉस्पिटल में तैनात किए गए रोबोट न केवल मरीजों के तापमान ले सकते हैं, बल्कि मरीजों की साफ-सफाई के काम से लेकर रोगियों को भोजन और दवा वितरित भी कर सकते हैं। डॉक्टरों के लिए रोगी के आंकड़े और रिकॉडिंग देखने के लिए रोबोट को 5G और मॉनिटर से लैस किए गए थे।
छोटे भाई की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि कोरोना लॉकडाउन में वह घर से बाहर गया था!
और अगर रोबोट किसी भी रोगी के संपर्क में आए, तो उन्हें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए इस तरह प्रोग्राम किया गया है कि वो तुरंत खुद को कीटाणुरहित कर सकते हैं। रोबोट डॉक्टरों और नर्सों को कुछ बेहद जरूरी राहत और सुरक्षा प्रदान करेंगे, जो लंबे समय तक काम नियमित रूप से रोगियो के संपर्क में रहकर काम करते हैं, जिससे उन्हें शारीरिक कष्ट, थकान और जलन होती है।
उल्लेखनीय है देश में कोरोनो वायरस के कुल 1071 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक 29 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 25 मार्च को आधी रात से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी ताकि देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोक लगाई जा सके।
यह भी पढ़ें- कभी लॉकडाउन में फंसे हैं? जानिए क्या है लॉकडाउन और क्या-क्या होती हैं पाबंदियां?