SMS, Aadhaar और DigiLocker..जानें कोरोना टीकाकरण और Co-Win ऐप से जुड़ी 10 अहम बातें
नई दिल्ली। Coronavirus vaccination New Details केंद्र सरकार ने दो कोरोना वैक्सीन(Coronavirus vaccine) को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसके बाद माना जा रहा है कि, 13 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। अगर आप कोरोना वैक्सीन लेना चाहते हैं तो आपको को-विन ऐप (CoWIN APP)पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। को-विन ऐप विस्तृत स्तर पर चलने वाले कोरोना वैक्सीन अभियान को मैनेज और व्यवस्थित करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। ऐप में आधार प्रमाणीकरण (Aadhaar authentication) और करीब 12 भाषाओं में वैक्सीन लेने की पुष्टि के SMS जैसी सुविधाए दी गई हैं।
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को-विन इकोसिस्टम के जरिये वैक्सीनेशन सेशन
1-स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज मीडिया ब्रीफिंग में बताया गया, को-विन इकोसिस्टम के जरिये वैक्सीनेशन सेशन स्वचालित संचालन होगा। इसी तरह आधार के जरिये प्रमाणीकरण के तरीके से गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा।
2- जिन लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी उन्हें एक यूनिक हेल्थ आईडेंटटी मुहैया करायी जाएगी। जिससे वैक्सीन के डोज लेने के बाद किसी भी संभावित विपरीत प्रभाव और ट्रेकिंग पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी
2 भाषाओं में एसएमएस भेजे जाएंगे
3-टीकाकरण में लगे हैल्थवर्कर्स और टीकाकरण के लिए इंतजार कर रहे लोगों को जानकारी देने के 12 भाषाओं में एसएमएस भेजे जाएंगे। वैक्सीन लगवाकर एक QR कोड सर्टिफिकेट भी मिलेगा जिसे मोबाइल में स्टोर करके रखा जा सकता है।
4-QR कोड बेस्ड सर्टिफिकेट को स्टोर और फेच करने के लिए सरकार के डॉक्यूमेंट स्टोरेज ऐप DigiLocker को इंटीग्रेट किया जा सकता है। इसके साथ 24×7 की सुविधा भी मिलेगी।
CoWIN में 75 लाख स्वास्थ्य अधिकारियों का डेटा
5-हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर को Co-win ऐप पर रजिस्टर कराने की जरूरत नहीं होगी, इनका डेटा पहले ही सरकार के पास है। अभी जनता स्वयं को पंजीकृत नहीं कर सकती है क्योंकि केवल अधिकारियों की पहुंच है। CoWIN में 75 लाख स्वास्थ्य अधिकारियों का डेटा है। जिन्हें पहले वैक्सीन दी जाएगी। जब एक बार ये एप लॉन्च होगा तो इसके चार मॉड्यूल होंगे। इसमें यूजर एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल, बेनिफिशियरी (लाभार्थी) रजिस्ट्रेशन, वैक्सीनेशन और बेनिफिशियरी एकनॉलेजमेंट और स्टेटस अपडेशन शामिल होगा।
6-बेनिफिशियरी रजिस्ट्रेशन के तहत तीन विकल्प होंगे। इसमें तहत सेल्फ रजिस्ट्रेशन, इंडिविजुअल रजिस्ट्रेशन और बल्क अपलोड का विकल्प होगा। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के तहत बेव और मोबाइल एप्लीकेशन दोनों के जरिए लाभार्थी खुद को डायरेक्ट रजिस्टर कर सकेंगे। इसके बाद उनका डाटा चेक होगा कि वे पचास साल से ज्यादा या कम उम्र के हैं, या फिर को-मोरबिड यानी दूसरी बीमारी से पीड़ित है।
50 से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए इलेक्टोरल रोल्स का इस्तेमाल किया जाएगा
7 दिल्ली Covid-19 टास्क फोर्स के सदस्त डॉक्टर सुनीला गर्ग ने बताया कि 50 से ज्यादा उम्र वाले लोगों के लिए इलेक्टोरल रोल्स का इस्तेमाल किया जाएगा और Co-Win में उनके डेटा को फीड कर दिया जाएगा। इसके बाद इसे आम जनता के लिए ओपन किया जाएगा। अगर किसी को अपना नाम उसमें मिलता है तो वे जिले या ब्लॉक ऑफिसर के पास जाकर खुद को रजिस्टर करवा सकते हैं। इसके अलावा वे खुद भी रजिस्टर कर सकते हैं। वहीं जो लोग 50 से कम उम्र के हैं और उन्हें दिल की बीमारी या कैंसर है तो वे अपना मेडिकल सर्टिफिकेट सिस्टम में अपलोड कर सकते हैं।
8-सरकार ने कहा है कि इस ऐप के डेवलपमेंट के अलग-अलग स्टेज पर कई ड्राई रन किए गए हैं जिससे इसकी कमियों को दूर किया जा सके। यह भी बताया गया कि इस सॉफ्टवेयर को यूज करने के लिए 700 गावों के 90,000 लोगों को ट्रेन किया गया है।
ग्रुप्स के लिए सिस्टम खुद वैक्सीनेशन का स्लॉट अलॉट करेगा
9- हेल्थकेयर और मेडिकल फ्रंटलाइन वर्कर्स का डेटा पहले ही सिस्टम में ऐड कर दिया है तो उन्हें अपने आप को रजिस्टर करने की जरूरत नहीं है।
10- जनसंख्या प्राथमिकता वाले ग्रुप्स के लिए सिस्टम खुद वैक्सीनेशन का स्लॉट अलॉट करेगा। जिला मजिस्ट्रेट उन तारीखों को तय कर सकते हैं जिन पर टीकाकरण सत्र आयोजित किया जा सकता है।
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