'कांग्रेस हमेशा से सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है', PFI पर बैन के बाद पार्टी का आया बड़ा बयान
नई दिल्ली, 28 सितंबर। केंद्र सरकार की तरफ से पीएफआई को 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित करने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से सभी प्रकार की सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है। कांग्रेस की तरफ से बहुसंख्यक, अल्पसंख्यक में भेदभाव नहीं किया जाता है। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस हमेशा उन सभी विचारधाराओं और संस्थानों से अडिग लड़ाई लड़ी है, जो हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करके नफरत और हिंसा फैलाने का काम करते हैं।
Congress General Secretary in-charge Communications Jairam Ramesh issues a statement - "Congress has always been and will continue to be against ALL forms and types of communalism--majority, minority makes no difference."
Central Government banned #PFI for 5 years today. pic.twitter.com/w5RE3Nw39X
— ANI (@ANI) September 28, 2022
आपको बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर केंद्र सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 5 वर्ष के लिए बैन लगा दिया है। पीएफआई के बैन से राजनीति गरमा गई है और आरएसएस को भी बंद करने की मांग की जा रही है। केरल से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान के कहा कि आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए पीएफआई पर बैन लगाना ही कोई उपाय नहीं है। ऐसे में आरएसएस को भी बैन किया जाना चाहिए। क्योंकि आरएसएस भी पूरे देश में हिंदू साम्पदायिकता फैला रहा है।
कांग्रेस सांसद के अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के विधायक एमके मुनीर ने भी आरएसएस को बैन करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि हम पीएफआई के बैन का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें सेक्युलर तरीके से आरएसएस के खिलाफ लड़ना है। ऐसे में आरएसएस पर भी बैन लगाया जाएगा। हालांकि, सूफी-बरेलवी मौलवियों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया है। सूफी-बरेलवी मौलवियों की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि कोई भी संस्था, राष्ट्र से बड़ा नहीं है। ऐसे में सभी केंद्र सरकार के फैसले का स्वागतर करना चाहिए और धैर्य बनाए रखना चाहिए।
क्या
है
पीएफआई
पीएफआई
का
गठन
स्टूडेंट
इस्लामिक
मूवमेंट
ऑफ
इंडिया
(SIMI)
के
आतंकवादी
गतिविधियों
में
लिप्त
पाए
जाने
के
बाद
उसपर
लगाए
गए
प्रतिबंधों
के
बाद
के
दिनों
में
हुआ
था।
पीएफआई
2007
में
दक्षिण
भारत
के
तीन
मुस्लिम
संगठनों
नेशनल
डेमोक्रेटिक
फ्रंट
ऑफ
केरल,
कर्नाटक
फोरम
फॉर
डिग्निटी
और
मनिथा
नीथि
पासराई
इन
तमिलनाडु
के
विलय
से
बना
था।
पीएफआई
वैसे
खुद
को
अल्पसंख्यकों,
दलितों
और
समाज
के
वंचित
समुदायों
के
अधिकारों
के
लिए
लड़ने
वाला
संगठन
बताता
है।
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