चिंतन शिविर: कांग्रेस किसी भी नेता को दो से ज्यादा बार नहीं भेजेगी राज्यसभा?
उदयपुर, 14 मई: कांग्रेस पार्टी का चिंतन शिविर इन दिनों राजस्थान के उदयपुर में चल रहा है। जिसमें देशभर से पार्टी के बड़े नेता भाग लेने पहुंचे हैं। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं की ओर से संगठन की मजबूती और चुनाव की तैयारियों को लेकर कई अहम फैसले लिए जाने की उम्मीद है। इसमें एक अहम प्रस्ताव राज्यसभा के कार्यकाल को सीमित करना भी है। कांग्रेस के चिंतन शिविर में एक नेता को दो से ज्यादा बार राज्यसभा ना भेजने पर भी डिबेट होनी है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के एक सदस्य ने बताया है कि पैनल के सामने एक प्रस्ताव है कि किसी भी कांग्रेस नेता को राज्यसभा दो से ज्यादा बार ना भेजा जाए। उसके बाद वे लोकसभा या विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन उनके नाम पर राज्यसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए विचार नहीं किया जाना चाहिए।
सगंठन के पदाधिकारियों के लिए भी बने नियम
ये भी प्रस्ताव है कि भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सभी पदाधिकारियों का कार्यकाल पांच साल के लिए तय किया जाए। इसके बाद तीन साल की कूलिंग अवधि होनी चाहिए। कार्यकाल पूरा होने के बाद पदाधिकारियों को इस्तीफा देना होगा या अन्य नेताओं के लिए अपना पद खाली करना होगा।
शिविर में एक विचार यह भी आया है कि एक निश्चित आयु से ऊपर के किसी भी सदस्य को पार्टी की संगठनात्मक ईकाई में शामिल नहीं किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि युवा नेताओं के एक निश्चित प्रतिशत को जगह मिले।
कांग्रेस का नव संकल्प शिविर 13 मई की दोपहर से शुरू हुआ है। उदयपुर के पांच सितारा होटल ताज अरावली में तीन दिन (15 मई तक) ये चिंतन शिविर चलेगा। इसमें भाग लेने के लिए कांग्रेस के 400 से ज्यादा इस समय उदयपुर में हैं। कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत और तमाम बड़े नेता इस कार्यक्रम में शामल हैं।