Citizenship Amendment Bill पर बोले शाह- बिल में मुस्लिम समुदाय का जिक्र तक नहीं, जानिए 5 बड़ी बातें
नई दिल्ली। सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल, 2019 के प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के बीच नागरिकता संशोधन बिल पेश करने के प्रस्ताव पर लोकसभा में वोटिंग हुई। नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में 293 वोट पड़ने के बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने बिल को पेश करने को मंजूरी दी। इस प्रस्ताव के विरोध में 82 वोट पड़े। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सदन में बिल पेश करने के प्रस्ताव के दौरान जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दलों ने बिल को संविधान के खिलाफ बताया। कांग्रेस ने कहा कि सरकार इस बिल के जरिए मुस्लिमों पर निशाना साधना चाहती है, इसके जवाब में शाह ने कहा कि इस बिल में मुस्लिम समुदाय का जिक्र एक बार भी नहीं आया है। जानिए, शाह ने इस दौरान क्या-क्या कहा।
मुस्लिमों के खिलाफ नहीं बिल- शाह
1. अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर लोकसभा में कहा कि वे अभी बिल पेश करने जा रहे हैं और विपक्ष के हर सवाल का वे जवाब देंगे, तब आप लोग वॉकआउट मत करिएगा। शाह ने कहा ये बिल 0.001 फीसदी भी मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बिल में एक बार भी मुस्लिम समुदाय का जिक्र नहीं है। शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं करता है। शाह ने विपक्ष से पूछा कि क्या 1971 में बंगला शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का इंदिरा गांधी का कदम भी असंवैधानिक था।
यूगांडा से आए लोगों को भी कांग्रेस सरकार में नागरिकता दी गई- शाह
2. इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश के बारे में कानून लाया लेकिन पाकिस्तान से आए लोगों के लिए क्यों नहीं लेकर आईं। शाह ने कहा कि यूगांडा से आए लोगों को भी कांग्रेस सरकार में नागरिकता दी गई। इंग्लैंड से आए लोगों को क्यों नहीं? शाह ने कहा कि ये आरोप गलत है कि इस बिल से मुस्लिमों का अधिकार छीन जाएगा, ये बिल सताए हुए लोगों को नागरिकता देगा।
3. गृहमंत्री ने विपक्ष के आरोपों पर कहा कि आज हमें इस विधेयक की आवश्यकता क्यों पड़ी? देश की आजादी के बाद अगर कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश का विभाजन ना किया होता, तो आज नागरिकता संशोधन बिल लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। अमित शाह के इस बयान पर सदन पर कांग्रेस ने हंगामा किया। शाह ने इसपर आगे कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने किया है, बीजेपी ने नहीं किया।
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कांग्रेस ने किया धर्म के आधार पर देश का बंटवाराः शाह
4. अमित शाह ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि इन तीनों देशों का कोई भी मुस्लिम हमारे कानून के अनुसार नागरिकता के लिए आवेदन करता है तो हम इस पर विचार करेंगे, लेकिन इस बिल का फायदा उन लोगों को इसलिए नहीं मिल सकता क्योंकि उनके साथ धार्मिक प्रताड़ना नहीं हुई है। शाह ने कहा कि इन तीनों देशों से धार्मिक प्रताड़ना के आधार पर जो 6 धर्मों के लोग भारत आए हैं, उन्हें नागरिकता दी जाएगी।
धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को दी जाएगी नागरिकता- शाह
5. लोकसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि तीनों देशों में हिंदू, सिख, पारसी, जैन, ईसाई, बुद्ध इन धर्मों का पालन करने वालों के साथ धार्मिक प्रताड़ना हुई। जो बिल मैं लेकर आया हूं, वो धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का है। इस बिल में मुसलमानों के हक नहीं छीने गए हैं और ना ही ये बिल उनके खिलाफ है।