चीन ने कश्मीर के मौजूदा हालातों पर जाहिर की चिंता, बताया ऐतिहासिक विवाद
बीजिंग। पाकिस्तान ने एक बार फिर से कश्मीर के मुद्दे को यूएन में उठाया है। वहीं चीन ने कश्मीर के मौजूदा हालातों को लेकर चिंता जाहिर की है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, चीन का कश्मीर पर स्टैंड बिल्कुल साफ है। यह एक ऐतिहासिक विवाद है और इसका समाधान यूएन चार्टर, सिक्यॉरिटी काउंसिल के तहत शांतिपूर्ण तरीके से द्विपक्षीय अग्रीमेंट के जरिए होना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि, पाकिस्तान के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 15 अगस्त को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की। सुरक्षा परिषद के सदस्य कश्मीर के वर्तमान हालत को लेकर चिंतित हैं। सदस्यों ने यूएन चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन और विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर सहमति जताई। चीन ने कहा कि उसके प्रयास का मकसद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करना है और इसके पीछे उसका 'नेक इरादा' है। चीन ने यह दावा भी किया है कि परिषद में ज्यादातर सदस्यों ने घाटी की स्थिति पर अपनी चिंता जताई है।
चीन की इस टिप्पणी से एक दिन पहले भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने का चीन का प्रयास विफल हो गया है। सुरक्षा परिषद ने भारी बहुमत के साथ राय व्यक्त की कि भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय मुद्दे पर चर्चा के लिए यह सही मंच नहीं है। चीन ने बुधवार को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के परामर्श कक्ष में बंद बैठक के दौरान 'अन्य मामलों' के तहत कश्मीर का मुद्दा उठाया था।
गेंग ने कहा, दरअसल, यूएनएससी ने 15 जनवरी को कश्मीर मुद्दे की समीक्षा की और कोई बयान नहीं दिया। लेकिन, चीन ने समीक्षा बैठक में एक स्थायी सदस्य के रूप में भाग लिया और जो मैंने कहा वह समीक्षा के अनुरूप है। फिर भी अगर आपको लगता है कि यह सच नहीं है तो आप अन्य सू्त्रों को देख सकते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अगर आपको हमारी बात पर भरोसा नहीं है तो आप सूचना के लिए दूसरी साइट्स देख सकते हैं।
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