चाइनीज एक्सपर्ट ने दी भारत से सीखने की नसीहत, कहा- सब इंडिया में इन्वेस्ट करना चाहते हैं
नई दिल्ली। ''2008 के बाद से भारतीय स्टॉक में 394 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, चीन में सिर्फ 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। चीन के स्टॉक मार्केट से तुलना की जाए भारत का स्टॉक मार्केट ज्यादा परिपक्व नजर आता है। डबल डिजिट ग्रोथ के लिए भारतीय शेयर बाजार चीनी निवेशकों को शानदार अवसर दे रहा है।'' यह बात चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखी है। अखबार ने न केवल भारत की तारीफ की है बल्कि यह भी कहा कि चीन को भारतीय शेयर बाजार की परिपक्वता से सीखने की जरूरत है।
चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंस में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रैटिजी की एसोसिएट रिसर्च फेलो लियु शिआस्वे ने कहा, 'चीन के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार ज्यादा परिपक्व है। उसके पास बहुत ज्यादा विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) हैं, जो कि जोखिम के प्रति धैर्यवान होते हैं। वहीं, चीन के बाजार में ज्यादातर छोटी घटनाओं से चिंतित होने वाले निजी निवेशक हैं। यही कारण है कि चीन के शेयर बाजार में उथल-पुथल मची रहती है।
लियु ने लिखा कि अगर चीन से भारत के शेयर बाजार के लंबे इतिहास की तुलना की जाए तो काफी अंतर नजर आता है। 1875 में स्थापित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, जबकि चीन में पहला स्टॉक एक्सचेंज 1990 में स्थापित हुआ। चीन के रेग्युलेटर्स को भारत से सीखने की नसीहत देते हुए लियु ने लिखा कि भारत को दशकों से व्यापारिक घाटा हो रहा है। इस वजह से विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए काफी काम किया। भारत ने निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से स्टॉक मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया।
भारतीय स्टॉक मार्केट और चीन के शेयर बाजार की तुलना करते हुए अखबार लिखता है कि भारतीय स्टॉक मार्केट पूंजी के मुक्त प्रवाह की अनुमति देता है। साथ ही निवेशकों को रिस्क से बचाने के लिए भी भारत के पास अच्छा मैकेनिज्म है, लेकिन चीन के स्टॉक मार्केट में सरकारी कंपनियों की मौजूदगी के चलते ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
लियु ने आगे कहा कि इस समय चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक युद्ध चल रहा है। इसका भारतीय बाजार को काफी लाभ मिलेगा। जिस प्रकार से चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर से टेंशन बढ़ रही है, उसे देखकर कोई भी इन्वेस्टर चीन की जगह भारत में निवेश को तरजीह देगा।