Cheetahs in India: एक दर्जन से ज्यादा और चीता भारत लाने की है तैयारी, सरकार ने संसद में बताया पूरा प्लान
भारत सरकार ने संसद को बताया है कि नामीबिया से और चीता भारत लाने के लिए करार किया गया है। इन चीतों की संख्या 12 से 14 होगी। पहले लाए गए चीते भारतीय जमीन पर पूरी तरह से ढलने लगे हैं।
Cheetahs in India: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका से 8 चीता लाए जाने के बाद आगे एक दर्जन से ज्यादा और चीता लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने आज संसद में दी है। चीतों का यह खेप भी नामीबिया से लाया जाना है, जिसके लिए वहां की सरकार के साथ एक करार पर हस्ताक्षर भी किया जा चुका है। पहली खेप में वहां से 5 नर और 3 मादा चीते लाए गए थे। ये सारे चीते अब धीरे-धीरे भारत के जंगलों के माहौल से ढलते जा रहे हैं। खुद शिकार करके अपना पेट भरना भी शुरू कर दिया है। हालांकि, उनपर लगातार नजदीकी निगरानी रखी जा रही है।
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12 से 14 और चीता भारत लाया जाएगा- केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में बताया है कि अफ्रीका से 12 से 14 और चीता भारत लाया जाएगा और उन्हें अपने देश के जंगलों में छोड़ा जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्य सभा को बताया है कि 'सरकार ने रिपब्लिक ऑफ नामीबिया की सरकार के साथ एक एमओयू पर साइन किया है......' चौबे ने यह भी कहा कि कूनो नेशनल पार्क में रखे गए आठों चीते बेहतरीन हालत में हैं और वह अपने नए घर को आत्मसात कर सकें, इसके लिए उनपर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
सरकार ने प्रोजेक्ट के लिए किया है खास फंड का इंतजाम
केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि भारत के जंगलों को फिर से चीता से आबाद करने के लिए प्रोजेक्ट टाइगर से 38.7 करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया था। इस प्रोजेक्ट का दायरा साल 2021/22 से 2025/26 तक का है। यह फंड कंपेंसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (CAMPA) के 29.47 करोड़ रुपए के अतिरिक्त है, जो कि उसे यहां के माहौल से परिचय कराने ,उनके प्रबंधन और रखरखाव किया जाएगा।
अब खुद से शिकार करने लगे हैं नामीबिया से आए चीते
इसी साल कुछ महीने पहले नामीबिया से जो 8 चीते (5 मादा और 3 नर) भारत आए थे, वह वहां से आने पहले खेप का हिस्सा थे। उन सभी आठों चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के जंगलों में सुरक्षित छोड़ा गया था। क्वारंटीन पूरा करने के बाद उन्होंने भारत की धरती पर पहला शिकार भी पूरा कर लिया है। आखिर में तीनों मादा चीतों का क्वारंटीन पूरा हुआ था, जिन्हें पिछले महीने बड़े क्षेत्र में बाकियों के साथ छोड़ा गया। कूनो के फिल्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने कहा, 'अब वे जंगलों (6 वर्ग किलोमीटर का नियंत्रित क्षेत्र) में घुल-मिल जाएंगे और उसे समझेंगे। अब वे अपना पेट भरने के लिए खुद से शिकार करेंगे।'
सभी चीतों की निगरानी की जा रही है
उन्होंने बताया था कि नर अभ्यस्त हो चुके हैं और शिकार करने लगे हैं। 'अब हमें उम्मीद है कि मादाएं भी करेंगी।' चीतों को चार हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों से ट्रैक किया जाएगा और 16 फॉरेस्ट गार्ड की टीम उनकी निगरानी करेंगे। यानि प्रत्येक जानवर पर दो लोग निगरानी रखेंगे। इन जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए एक स्निफर डॉग की भी तैनाती की गई है। एक्सपर्ट का कहना है कि इनकी असल चुनौती तब शुरू होगी, जब इन्हें जंगलों में खुला छोड़ा जाएगा, जो उनके लिए नया होगा और वहां पर उन्हें शिकार करना होगा। उन्हें 45 तेंदुओं और एक बाघ का भी सामना करना होगा, जो वहां पहले से ही मौजूद होंगे।
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खुद पीएम मोदी ने किया था रिलीज
भारत में 1952 में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। लेकिन, इस प्रोजेक्ट के तहत 8 चीता फिर से अफ्रीकी देश से भारत लाया गया है। सरकार चाहती है कि भारत के रूप में चीता को नया घर भी मिले और उनकी वजह से पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। नामीबिया से भारत लाए गए चीतों को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था, जो पूरी तरह से जंगल में ठिकाना बनाने से पहले कई दौर से गुजर रहे हैं।