2022 की तीसरी तिमाही में लॉन्च होगा चंद्रयान-3: अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने संसद में अपने एक लिखित जवाब में कहा कि भारत अगले साल तीसरी तिमाही में चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च कर सकता है।
नई दिल्ली, 28 जुलाई। अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने संसद में अपने एक लिखित जवाब में कहा कि भारत अगले साल तीसरी तिमाही में चंद्रमा पर अपना तीसरा मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण अंतरिक्षयान के निर्माण में देरी हो रही है। उन्होंने कहा, 'कार्य की वर्तमान प्रगति को देखते हुए 2022 की तीसरी तिमाही में चंद्रयान-3 के लॉन्च होने की संभावना है।' उन्होंने कहा कि इस पर लगातार काम जारी है।
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उन्होंने आगे कहा कि इसको लेकर अभी कई तरह के कार्य होने हैं जिनमें यान की आकृति को अंतिम रूप देने, इसमें लगे अन्य उपकरणों का परीक्षण, अंतरिक्ष यान के स्तर का विस्तृत परीक्षण और पृथ्वी पर सिस्टम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए कई विशेष परीक्षण शामिल हैं।
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अंतरिक्ष विभाग ने अपने एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण चंद्रयान-3 पर चल रहा काम प्रभावित हुआ था। हालांकि वर्क फ्रॉम होम के जरिये चंद्रयान पर जो भी संभव कार्य हो सकता था उसे लॉकडाउन के दौरान पूरा किया गया। हालांकि अब अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान एक बार फिर से चंद्रयान-3 पर चल रहे काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
पहले चंद्रयान-3 को साल 2021 में लॉन्च किया जाना था। हालांकि, कोविड-19 लॉकडाउन ने चंद्र मिशन सहित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कई परियोजनाओं को प्रभावित किया।
इसरो प्रमुख के सिवन ने फरवरी में कहा था कि हम इस पर काम कर रहे हैं। इसका कॉन्फिगरेशन चंद्रयान-2 जैसा है, लेकिन इसमें ऑर्बिटर (कृत्रिम उपग्रह) नहीं होगा। चंद्रयान-2 के दौरान लॉन्च किए गए ऑर्बिटर का इस्तेमाल चंद्रयान-3 के लिए किया जाएगा। इसके साथ हम एर सिस्टम पर काम कर रहे हैं और इसकी लॉन्चिंग अगले साल 2022 में होगी।
चंद्रयान-3 को लेकर नई अपडेट चंद्रयान-2 की दूसरी वर्षगांठ वाले दिन आई है जो चंद्रमा पर पहुंचने से पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि उसका ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है । चंद्रयान -3 इसरो के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगे के अंतरग्रहीय मिशनों के लिए लैंडिंग करने की भारत की क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा। चंद्रयान मिशन की शुरुआत 2008 में की गई थी। साल 2008 में भेजे गए पहले चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह पर पानी के सबूत खोजने सहित महत्वपूर्ण खोजें कीं।