आंध्र प्रदेश में 3 राजधानियों के मुद्दे फिर गरमाई राजनीति, TDP प्रमुख ने सीएम जगनमोहन रेड्डी से मांगा इस्तीफा
नई दिल्ली, 25 मार्च। आंध्र प्रदेश में अमरावती हाईकोर्ट के फैसले के बाद राजनीति गरमा गई है। सीएम जगनमोहन रेड्डी के बयान के बाद टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की है। तीन राजधानी के मुद्दे पर उन्होंने कहा है कि राजधानी को विकसित करने के लिए अतिरिक्त पैसे खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। न्यायपालिका को सरकारों द्वारा बनाए गए असंवैधानिक कानूनों को ठीक करने का अधिकार है। न्यायपालिका पर अपने बयान के लिए सीएम को माफी मांगनी चाहिए।
तेलगू देशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने अमरावती उच्च न्यायालय (Amravati Highcourt) के फैसले पर सीएम जगनमोहन रेड्डी (Jaganmohan Reddy) के बयान को गलत बताया है। टीडीपी अध्यक्ष ने कहा है सीएम को अपने बयान पर इस्तीफा देना चाहिए और बिना किसी शर्त के माफी मांगनी चाहिए। न्यायपालिका को सरकारों द्वारा बनाए गए असंवैधानिक कानूनों को ठीक करने का अधिकार है। चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को उनके बयान के पद छोड़कर तीन राजधानी शहरों के मुद्दे पर जनादेश लेने की भी चुनौती दी।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (Jaganmohan Reddy) ने बृहस्पतिवार को अमरावती उच्च न्यायालय के एक निर्णय पर टिप्पणी की थी। यह मामला आंध्र प्रदेश की तीन राजधानी का है। जिस पर अमरावती उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा था कि राज्य विधायिका राजधानी को स्थानांतरित करने, उसे दो या तीन हिस्से में करने संबंधी विधेयक लाने की अर्हता नहीं रखती है। वहीं विपक्ष में रहते जगन मोहन रेड्डी ने अमरावती का समर्थन किया था, जबकि सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस मामले से यू-टर्न ले लिया है। जिसके बाद विपक्ष लगातार रेड्डी सरकार को अमरावती के मुद्दे पर घेरती नजर आती है।
उच्च न्यायलय के इस निर्णय पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने कहा था कि संघीय भावना के खिलाफ जाकर तीन राजधानियों के मामले पर अव्यवहारिक फैसला कर न्यायपालिका ने अपनी सीमा लांघी है। विधानसभा में चर्चा के दौराने सीएम जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि तीन मार्च को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दिए फैसले को लागू नहीं किया जा सकता। सीएम ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार तीन अलग-अलग राजधानी स्थापित कर विक्रेंदीकरण की योजना पर आगे बढे़गी क्योंकि इसका कोई विकल्प नहीं है। विक्रेंदीकरण हमारी नीति है। राजधानी का फैसला हमारा अधिकार और जिम्मेदारी है। सीएम ने सदन में कहा था कि मुख्य न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ (Amravati Highcourt) का फैसला न केवल संविधान पर बल्कि विधायिका की शक्तियों पर सवाल उठाने जैसा था। यह संघीय भावना और विधायिका की शक्तियों के विपरीत है।
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वहीं सीएम के इस बयान पर आंध्र प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। न्यायालय के निर्णय पर सवाल उठाने पर तेलगू देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने न्यायपालिका पर सवाल उठाने पर सीएम को माफी मांगने की नसीहत दी है। नायडू ने कहा कि उन्हें इस तरह के बयान के बयान के लिए पहले तो माफी मांगनी चाहिए और जनता बीच जाकर इस बात के लिए जनादेश लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमरावती की योजना एक स्व-वित्तपोषित परियोजना के रूप में बनाई गई थी। राजधानी को विकसित करने के लिए अतिरिक्त पैसे खर्च करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। न्यायपालिका को सरकारों द्वारा बनाए गए असंवैधानिक कानूनों को ठीक करने का अधिकार है।